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जहां कोई नहीं रहता, वहां बना रहे चेकडैम

locationभोपालPublished: Jan 12, 2016 11:49:00 pm

Submitted by:

suresh mishra

निर्माण में निभाई जा रही औपचारिकता, वाटरशेड के निर्माण कार्यों में भी मनमानी


सीधी।
मझौली जनपद पंचायत में वाटरशेड के तहत स्वीकृति और निर्माणाधीन कार्यों को लेकर मनरेगा के तहत रोजगार और जलस्तर बढ़ाने के लिए ग्रामों का चयन कर योजना शुरू की गई, लेकिन पहले की तरह इस बार भी योजना में मनमानी जारी है। इस बात की तस्दीक खमचौरा ग्राम पंचायत के डांडी गांव से की जा सकती है, क्योंकि जिस स्थान पर चेकडैम बनाया जा रहा है, वहां पर लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर किसी भी ग्रामीण का मकान नही है। सिर्फ एक खुली झोपड़ी लगभग 5 एकड़ की जमीन पर बनी हुई है जिसमें राजकुमारी पति गजाधर सिंह गोंड़ कभी कभार ही रहती है। और तो और, जिस स्थान पर वाटर शेड समिति द्वारा चेकडैम निर्माण कराया जा रहा है वहां पर बरसात के समय में भी पानी नहीं रहता, जिससे क्षेत्रीय लोगों ने चेकडेम निर्माण की औपचारिकता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का आरोप है कि टीम लीडर व उपयंत्री की साठगांठ में इस तरह के जन उपयोगी कार्यों को बिना उपयोग वाले जगहों पर कराया ज रहा है।

पहले भी होती रही हैं शिकायतें
ऐसा नही है कि वाटरशेड के निर्माण कार्य की यह पहली कहानी है इसके पहले भी पत्रिका द्वारा ग्रामीणों की शिकायतों पर वाटरशेड के घटिया व स्तरहीन कार्यो को लेकर आवाज उठाई गई थी जिस पर कुछ निर्माण कार्यो की गुणवत्ता को लेकर जिला कलेक्टर द्वारा कार्रवाई भी की गई थी, इसके बाद भी वाटरशेड की टीम लीडर, उपयंत्री या समिति के लोगों द्वारा जन हितैशी योजना को स्वहितैशही योजना बना दिया गया है।

निर्माण-कार्यों की अधूरी शर्तें
नियमानुसार निर्माण कार्यो को पारदर्शी बनाने के लिए निर्माण कार्य शुरू होने के पूर्व सूचना पटल लगाना अनिवार्य है, जिसमें कार्य का एस्टीमेट स्वीकृति लागत, संबंधित उपयंत्री की उपस्थिति, निर्माण एजेंसी और मजदूरों की दैनिक मजदूरी लिखी होनी चाहिए, साथ ही कार्य स्थल पर मस्टररोल व निरीक्षण पंजी भी होना चाहिए, लेकिन इन शर्तों का पालन वाटरशेड कमेटी द्वारा कराए जा रहे किसी भी निर्माण स्थल पर नही हो रहा है।

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