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Fact Check : WHO के नाम से फैलाया जा रहा है लॉकडाउन का शेड्यूल, सामने आई सच्चाई

locationभोपालPublished: Apr 10, 2020 01:20:12 am

Submitted by:

Faiz

सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही लिस्ट को लेकर अब इस बात की पुष्टी हुई है कि, लिस्ट का डबल्यूएचओ से कोई संबंध नही है, वो लिस्ट फेक है।

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Fact Check : WHO के नाम से फैलाया जा रहा है लॉकडाउन का शेड्यूल, सामने आई सच्चाई

भोपाल/ मध्य प्रदेश समेत देशभर में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। हालात को नियंत्रण में रखने के लिए जहां प्रदेश सरकार ने अधिक संक्रमित जिलों को पूरी तरह सील कर दिया है, साथ ही केन्द्र सरकार ने देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की है। फिलहाल, आज लॉकडाउन का 17वां दिन है। 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि पूरी होने वाली है। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक लिस्ट वायरल हुई, जिसे लेकर ये दावा किया गया कि, ये विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से जारी की गई है। लिस्ट के जरिये WHO का हवाला देते हुए लॉकडाउन का प्रोटोकॉल और शेड्यूल बताया गया। हालांकि, अब इस बात की पुष्टी हुई है कि, वायरल हो रही लिस्ट का डबल्यूएचओ से कोई संबंध नही है, वो लिस्ट फेक है।

 

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लिस्ट के जरिये किया गया था ये दावा

वायरल लिस्ट में लॉकडाउन के चार स्टेप बताए गए थे। इसमें पहले स्टेप में 1 दिन, जो पीएम मोदी द्वारा जनता कर्फ्यी के नाम पर किया गया था, दूसरे में 21 दिन, जो अभी जारी है। इसके अलावा, तीसरे में 28 दिन और चौथे में 15 दिन की अवधि होने की बात लिखी है, आगामी दो स्टेप इस लॉकडाउन के बाद आने का दावा किया जा रहा था। वायरल दावे के हिसाब से 20 अप्रैल से 18 मई के बीच लॉकडाउन का तीसरा चरण होगा। इस मैसेज के सामने आने के बाद लोगों में असमंजस बढ़ गया था, जिसके बाद डब्‍ल्‍यूएचओ ने खुद आगे आकर इस मैसेज पर सफाई देते हुए कहा है कि, सोशल मीडिया पर जारी मैसेज फर्जी है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस मैसेज पर स्पष्टीकरण देते हुए डब्‍ल्‍यूएचओ की मीडिया टीम के एक अधिकारी ने बताया कि, ‘लॉकडाउन को लेकर हर देश की ओर से उसका अपना सेटअप बनाया गया है। डब्‍ल्‍यूएचओ इस बारे में कोई भी निर्देश जारी नहीं करता। देशभर के सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने वाले मैसेज का डब्‍ल्‍यूएचओ से कोई संबंध नहीं है, वह फर्जी है’। उन्होंने डब्‍ल्‍यूएचओ के साउथ ईस्ट एशिया द्वारा जारी ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि, संगठन 5 अप्रैल को ही वायरल दावे का खंडन कर चुका है।

 

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आपसे खास अपील

बता दें कि, बीती 5 अप्रैल को डब्‍ल्‍यूएचओ के साउथ-ईस्ट एशिया ऑफिस की ओर से ट्वीट जारी किया गया था, जिसके जरिये कहा गया था कि, ‘लॉकडाउन के लिए डब्‍ल्‍यूएचओ प्रोटोकॉल के रूप में सोशल मीडिया पर प्रसारित किए जा रहे मैसेज आधारहीन और फर्जी हैं। डब्‍ल्‍यूएचओ के पास लॉकडाउन के लिए कोई प्रोटोकॉल नहीं है।’ इसके बाद भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी इसपर स्पष्टीकरण देते हुए दावे का खंडन किया था। फिलहाल, ये तो सिद्ध है कि, WHO के नाम का सहारा लेकर भी लोग समाज में भ्रम फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में पत्रिका आपसे अपील करता है कि, जब तक ऐसे किसी भी दावे का प्रमाम आप खुद न खोज लें उसपर यकीन न करें।

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