– आठ जून से शुरू होना था बसें
राज्य शासन ने आठ जून से प्रदेश में बसों के संचालन की छूट दी थी। इसके तहत भोपाल, इंदौर और उज्जैन में 50 फीसदी क्षमता के साथ बस संचालन करना था। वहीं, बाकी जिलों में पूरी क्षमता के साथ संचालन की छूट दी गई थी, लेकिन बस संचालक इस पर राजी नहीं हैं। इंदौर और भोपाल प्रदेश के सबसे बड़े स्टार्टिंग प्वॉइंट है, इसलिए 50 फीसदी क्षमता को लेकर भी बस संचालक आर्थिक नुकसान की भरपाई चाहते हैं।
– घाटे में कई निकायों की कंपनियां
प्रदेश में कई जगह पर स्थानीय निकाय की हिस्सेदारी वाली कंपनियां भी बस संचालन में घाटे में हैं। इनमें भोपाल सहित आधा दर्जन जिलों की कंपनियां शामिल हैं। ऐसी स्थिति में बसों के संचालन को लेकर निजी ऑपरेटर पूरी तरह राजी नहीं हैं, इस कारण भी बसों के संचालन में दिक्कत आ रही है। उस पर सरकार और स्थानीय निकायों ने भी इस मामले में सुलह के कदम नहीं बढ़ाए हैं।