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भोपाल

महिला वकील और युवा इंजीनियर में क्यों है कड़ी टक्कर, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

भिंड लोकसभा सीट पर भाजपा-कांग्रेस में रोचक मुकाबला

भोपालApr 30, 2019 / 11:55 pm

anil chaudhary

ajmer loksabha election

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भिंड. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भिंड लोकसभा सीट पर भाजपा की महिला वकील व पूर्व विधायक संध्या राय का कांग्रेस के युवा इंजीनियर देवाशीष जरारिया से मुकाबला है। कांग्रेस 30 साल से इस सीट पर जीत को तरस रही है। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी बाधा तीसरी ताकत रही है। बसपा का प्रभाव होने के कारण त्रिकोणीय मुकाबले में हर बार बाजी भाजपा के हाथ लगी है। हालांकि, परिसीमन के बाद सामान्य से एससी के लिए आरक्षित हुई इस सीट पर भाजपा के समीकरण बदले हैं और वह 2009 से लगातार प्रयोग कर रही है। 2009 में उसने अशोक अर्गल को मौका दिया तो 2014 में कांग्रेस का टिकट ठुकराकर भाजपा में आए सेवानिवृत्त आइएएस अफसर भागीरथ प्रसाद को उतारा। इस बार उनका टिकट काटकर 2003 में विधायक रह चुकीं संध्या को मौका दिया है। कांग्रेस ने अपने पुराने नेताओं के इतर एससी आंदोलन से चर्चा में आए जरारिया को उतारा है।
– आमने -सामने
संध्या राय, भाजपा प्रत्याशी
शिक्षा- एलएलबी
– ताकत
1989 से लगातार भिंड-दतिया संसदीय क्षेत्र भाजपा के कब्जे में है।
महिला आयोग की सदस्य रहते अंचल में महिलाओं के बीच पहचान स्थापित की।
विधायक रहते कार्यकर्ताओं के बीच सक्रियता।
– कमजोरी
सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद का टिकट कटने से उनके खेमे के कार्यकर्ता असंतुष्ट हैं।
पूर्व सांसद अशोक अर्गल को टिकट की उम्मीद रखने वाले उनके समर्थक भी नाराज हैं।
भिंड और दतिया जिले में अधिक प्रभाव नहीं।
देवाशीष जरारिया, कांग्रेस प्रत्याशी
शिक्षा- बी-टेक
– ताकत
सबसे युवा चेहरा होने से युवा वर्ग में मजबूत पकड़।
अनुसूचित जाति मूवमेंट से जुड़े होने से अजा वर्ग अच्छी पैठ।
नया चेहरा, किसी तरह का विवाद नहीं जुड़ा।
– कमजोरी
राजनीतिक अनुभव की कमी।
कांग्रेस के पुराने नेता दरकिनार किए जाने से असंतोष।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव नहीं, नेटवर्क की कमी।
– वर्ष 2014
कुल मतदाता – 1600137
मतदान – 729221 45.57त्न
डॉ. भागीरथ प्रसाद, भाजपा – 404474 – 55.90त्न
इमरती देवी, कांग्रेस – 244513 – 33.80त्न
– वर्ष 2019
मतदाता – 1733410
महिला -782669
पुरुष -950700

– ये हैं चुनावी मुद्दे
ग्रामीण क्षेत्रों की पेयजल समस्याएं
सार्वजनिक परिवहन की परेशानी
गोहद में खारे पानी की सप्लाई
ग्रामीण क्षेत्र की लडखड़़ाती स्वास्थ्य सेवाएं
बेरोजगारी बड़ी समस्या
सिंचाई का पानी टेलएंड तक न पहुंचना
ट्रेनों की कमी
अवैध उत्खनन
इस बार का चुनाव मोदी-राहुल फैक्टर के बीच हो रहा है। केंद्र सरकार की उपलब्धियों को सामने रख रहे हैं। भाजपा ने यहां विकास कार्य किए हैं।
– संध्या राय, भाजपा प्रत्याशी

इस संसदीय क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। तीस साल से यहां भाजपा के सांसद रहे जो इस बदहाली के लिए जिम्मेदार हैं।
– देवाशीष जरारिया, कांग्रेस प्रत्याशी

– राजनीतिक समीकरण
एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव को लेकर भिंड में हिंसक आंदोलन हुआ था। सपाक्स के जवाबी प्रदर्शन से यहां के हालात बदल गए थे। बसपा ने बाबूराम जामौर को मैदान में उतारा है। यहां बसपा के एक विधायक होने के कारण त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान हुआ था, क्षेत्र की आठ में से पांच विधानसभा सीटें कांगे्रस के खाते में आई हैं। भाजपा दो और बसपा ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस की ओर से सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह और भाजपा से पूर्व मंत्री नरोत्तम मोर्चा संभाले हुए हैं।
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