इसके बाद की जाएगी तलाक की अर्जी मंजूर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भोपाल की फैमिली कोर्ट की काउंसलर शैल अवस्थी ने बताया कि, शुक्रवार (12 अप्रैल) को दंपति के इस विवाद का मामला पत्नी कोर्ट में लेकर पहुंची थी, जहां उसने न्यायालय में तलाक की अर्जी दी। मामले में सुनकर जज आरएन चंद ने फैसला सुनाया कि, दंपति को अगले छह महीने तक एक-दूसरे से अलग रहना होगा। ऐसे में इन दोनो के बीच इसी तरह के रिश्ते रहते हैं, तो उनकी तलाक की अर्जी मंजूर की जाएगी। फिलहाल, मामले की काउंसिलिंग करने की जिम्मेदारी काउंसलर शैल अवस्थी को सौंपी गई। साथ ही मामले को हिंदू मैरिज एक्ट के तहत फैमिली कोर्ट में दर्ज किया गया।
पत्नी ने लगाए ये आरोप
काउंसलर शैल अवस्थी की काउंसलिंग में दंपत्ति ने बताया कि, युवक सिंधी समाज से है, जिसने ब्राह्मण लड़की से मई 2016 में शादी की थी। करीब एक साल तक तो दोनो के रिश्ते ठीक ठाक चले, लेकिन इसके बाद से ही दोनों में नोकझोंक होना शुरू हो गई। महिला ने काउंसलर शैल अवस्थी को बताया कि, उनके पति को गंदे रहने की आदत है, नहाना उन्हें बुरा लगता है। शेविंग करना उन्हें पसंद नहीं है। ज्यादातर पसीने में रहते हैं और टॉवेल से बस पसीना पोछ लेते हैं और वही पसीने का टॉवेल बिस्तर पर पटक जाते हैं। साफ सफाई रखना आता ही नहीं है। कई बार समझाने पर विवाद पर उतर आते हैं, बात बिगड़ने पर शरीर पर परफ्यूम लगाकर बदबू छिपा लेते हैं।
पति ने ये दी सफाई
काउंसलर शैल अवस्थी के समक्ष मामले की सफाई देते हुए पति ने कहा कि, मैं कोई खिलाैना नहीं, जो जितनी और जैसी चाभी भरोगे वैसे चलने लगूंगा। मेरा जीवन है इसे कैसे जीना है, यह मैं खुद तय करूंगा। हालांकि, इस बीच काउंसलर अवस्थी दोनो ही पक्षों की बात सुनी और उन्हें समझाने का प्रयास किया। कई घंटे चली काउंसलिंग में दोनों ही किसी तरह की शर्त मानने को राजी नहीं हुए और अपनी-अपनी जिद पर अड़े रहे। एक तरफ जहां पति, पत्नी के कहने पर दाढ़ी कटवाने और रोज़ाना नहाने को राजी नहीं था, तो वहीं पत्नी भी इस हालत में उसके साथ रहने को राजी नहीं थी। दोनो ही अपनी शर्तों पर अड़िग रहे। फिलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन है।