महिला का पति सुहागरात पर भी करीब नहीं आया। दोनों का निकाह नवंबर 2016 में हुआ था। निकाह के बाद पति हनीमून के लिए महिला को विदेश ले गया। महिला का कहना है कि इस दौरान वह तबियत खराब होने का बहाना बनाकर मेरे करीब कभी नहीं आया। हनीमून से लौटकर वह मुझे भोपाल में रह रहे अपने परिजनों के पास छोड़ दिया और खुद मुंबई चला गया। जब भी मैं वहां जाने की जिद करती वह कुछ न कुछ बहाना बना देते।
तलाक लेने कोर्ट पहुंची महिला ने कहा कि एक बार मैं बिना किसी को बताए मुंबई पहुंच गई। वहां पहुंचने के बाद वह मुझे देखकर चौंक गया। उसके बाद मेरे सास-ससुर को फोन लगाया। उनसे पूछा तो उनलोगों ने कहा कि वह तो मायके गई है। उसके बाद उसने मेरी पिटाई शुरू कर दी। फिर भी मैं कुछ दिनों तक वहां रही। लेकिन वह कभी भी मुझे अपने पास सोने नहीं दिया। वह हमेशा मारपीट करता रहा। मैंने पति के विरूद्ध एफआईआर भी दर्ज कराई। वह अपनी कमजोरी हमेशा छिपाता रहा। मैंने कई बार मेडिकल टेस्ट करवाने को कहा लेकिन वह ऐसा नहीं किया। साथ ही मुझे साथ भी नहीं रख रहा है।
महिला के आरोपों पर उसके पति ने कहा है कि उसने मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा खराब की है। उसने सभी से कह दिया है कि मैं दांपत्य जीवन निभाने के लिए लायक नहीं हूं। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। मैंने पत्नी से भावनात्मक रूप से जुड़ने के लिए कुछ वक्त मांगा था। हनीमून के दौरान वह बहुत खुश थी। मैं थोड़ा अलग टाइप का इंसान हूं।
फैमिली कोर्ट में काउंसलिंग के दौरान दोनों पति-पत्नी ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हैं। वहीं महिला ने भरण पोषण के लिए पति से सवा करोड़ रुपये की मांग की है। काउंसलर ने महिला के आरोपों पर जज से पति का मेडिकल करवाने की सिफारिश की है। काउंसलरों की कोशिस है कि यह परिवार टूटने से बच जाए।