उधर, एसडीएम गोविंदपुरा मुकुल गुप्ता ने थाना प्रभारी पिपलानी को निर्देशित किया है कि वे थाना क्षेत्र के सीनियर सिटीजन की जानकारी जुटाकर रिकॉर्ड तैयार करें। इसके साथ वरिष्ठ नागरिकों की खैर खबर 3 माह में स्वयं या अपने प्रतिनिधि के माध्यम से लेकर इस न्यायालय एवं जिला मजिस्ट्रेट को प्रतिवेदन भेजे। इस क्षेत्र में बीएचईएल के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी निवास करते हैं, जो कि माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम 2007 के अंतर्गत सीनियर सिटीजन की परिभाषा में आते हैं।
पत्नी को देख राजू बोला…
इसका पूरा परिवार मुझसे अधिक जीके नायर पर भरोसा करता था। इनके भरोसे पर ही जीके नायर हमारी सब तरीके से मदद करते थे।
आरती ने टीआई से पूछा- इसकी जमानत होगी या नहीं
पत्नी आरती ने कहा, तुम पागल हो गए हो…। साहब! इसकी किसी बात पर भरोसा नहीं करिए। झूठी कहानी बता रहा है। थाने से निकलने के बाद आरती ने टीआई प्रकाश मिश्रा से पूछा इसकी जमानत होगी या नहीं…।
पुलिस को करता रहा गुमराह
राजू को पुलिस रविवार को ग्वालियर लेकर पहुंची। ग्वालियर में राजू ने जिस जगह चाकू खरीदना बताया पुलिस ने उससे जानकारी जुटाई। इसके बाद फल बाजार स्थित डॉक्टर के यहां लेकर पहुंची, जहां राजू ने घटना के वक्त जांघ में लगी चोट का इलाज कराया था।
चाकू, चोट, कपड़े, गहने बनेंगे प्रमुख साक्ष्य
हत्या में उपयोग चाकू, राजू के जांघ में लगी चोट प्रमुख साक्ष्य होंगे। पुलिस चाकू में लगे ब्लड से साबित करेगी कि जिस चाकू से राजू ने दंपती की हत्या की उसी से वह घायल हुआ था। राजू के कपड़े जिसमें खून लगा है और बरामद गहने प्रमुख साक्ष्य होंगे। रेलवे स्टेशन के फुटेज भी पुलिस चालान में शामिल होंगे, जिसमें राजू स्टेशन से आते-जाते हुए दिख रहा है।
घटना से जुड़े सबूत जुटाने के लिए राजू को रिमांड पर लिया गया है। पुलिस टीम उसे ग्वालियर लेकर गई है। सबूत इकट्ठा करने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। राजू की पत्नी अपने घर चली गई है।
– मनोज मिश्रा, टीआई, अवधपुरी
हत्या की वजह, पुलिस के दावों के पीछे लोगों के जेहन में अब भी उतर रहे तमाम सवाल…
पहला सवाल
पुलिस हत्या की मुख्य वजह डेढ़ लाख रुपए कर्ज मांगने, नौकरी से निकालने को बता रही है। सवाल यह है कि राजू आधा से अधिक कर्ज दे चुका था। नहीं भी चुकाता तो जीके नायर उस पर कोई दबाव नहीं बना रहे थे। फिर, राजू ने इतना बड़ा कदम इतने दिन बाद क्यों उठाएगा।
दूसरा सवाल
पुलिस का कहना है कि नौकरी छूटने से राजू नायर से खफा था। हकीकत यह है कि भोपाल से जाने के बाद राजू और उसकी पत्नी आरती दोनों अपने-अपने रोजगार-धंधे में जुट गए थे। फिर, नायर के घर से मामूली नौकरी छूटने के लिए वह दोनों की जान लेने का निर्णय क्यों लेगा।
तीसरा सवाल…
पुलिस ने पहले कहा था कि कोई संपत्ति नायर दंपती के घर से चोरी नहीं गई। राजू के पकड़े जाने के बाद गोमती नायर के गहने उसके पास से बरामद हुए। क्या, राजू लूट के इरादे से उनके घर पहुंचा था, जहां गहने चोरी करने के लिए उनकी हत्या कर दी होगी।
चौथा सवाल
नौकरी से जाने के बाद भी आरती, राजू की नायर से फोन पर बात होती थी। नायर भी फोन लगाते थे। पुलिस यह नहीं बता रही कि आखिरकार दोनों के बीच क्या बात होती थी।
पांचवां सवाल
राजू और उसकी पत्नी आरती को वेतन से हटकर जीके नायर तमाम तरह की मदद करते रहे। इससे उनका क्या फायदा था। अब तक इसका खुलासा नहीं हो सका है।