केस-01
एक व्यक्ति ने दारूल कजा में तलाक के लिए आवेदन किया। इसके पीछे अजमल ने कारण बताया कि पत्नी समय नहीं देती। ज्यादातर वक्त मोबाइल में लगी रहती है। मामला यहां तक आ गया कि पत्नी मोबाइल की बजाय पति को छोडऩे तैयार हो गई।
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केस-02
करीब छह माह से पति से अलग रह रहीं महिला ने दुबई से आकर राजधानी स्थित दारुल कजा में तलाक की अर्जी लगाई। टूटने से बचाने दारुल कजा ने पति और पत्नी को बुलाकर समझाइश दी। जिसके बाद दोनों साथ रहने को राजी हो गए।
शुरू की पहल
दारूल कजा में पहली बार इस तरह की पहल हुई है। करीब 100 मामले अलग-अलग सुनवाई में सामने आए। इनमें से ज्यादातर में लोगों ने अपने आवेदन वापस ले लिए और साथ रहने को राजी हो गए। एसएम सलमान के मुताबिक मुख्य उद्देश्य रिश्तों को बचाना है।
तीन काउंसलर, हफ्ते में दो दिन सुनवाई
मसाजिद कमेटी के सचिव एसएम सलमान ने बताया कि करीब डेढ़ माह पहले परिवार परामर्श के लिए इसे शुरू किया गया। सोमवार और गुरुवार को यहां उन दपत्ति बुलाकर काउंसिलिंग दी जाती है जिन्होंने तलाक के लिए अर्जी दी है। काउंसलर में नायब मुफ्ती जसीम दाद खान, एडवोकेट एसएम सलमान और आफताब अहमद शामिल हैं। महिला काउंसलर को भी इसमें शामिल किया जा रहा है।