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कांग्रेस में अब भी मची हुई है कलह, हार के बाद भी गुटबाजी नहीं हो रही कम

locationभोपालPublished: Jun 04, 2019 05:28:17 pm

– एआईसीसी AICC ने तलब किया बूथ वार वोटिंग का रिकॉर्ड।- कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से आया सर्कुलर।- 7 जून तक ये पूरी जानकारी भेजने की दी हिदायत।

congress in tension

कांग्रेस में अब भी मची हुई है कलह, हार के बाद भी गुटबाजी नहीं हो रही कम

भोपाल। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस में मची कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। इसके चलते अब समीक्षा बैठकों में तक स्थानीय नेताओं का गुस्सा जमकर फूट रहा है।

यहां तक की हारे हुए उम्मीदवार congressmen तक हार के लिए संगठन की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता पार्टी में ब्लॉक से लेकर प्रदेश तक बड़े बदलाव की बात भी करने लगे हैं।

 

ऐसे सामने आई कलह: Tension in Congress

दरअसल जब एआईसीसी सचिव सुधांशु त्रिपाठी ने पीसीसी में विंध्य क्षेत्र की सीधी,सतना और रीवा लोकसभा सीटों की समीक्षा की। तो इस बैठक में क्षेत्र के उम्मीदवार के साथ स्थानीय नेताओं को भी बुलाया गया था। यहां नेताओं ने त्रिपाठी के सामने खुलकर संगठन की कमजोरियों को गिनाया।

वहीं जब संजय कपूर ने मालवा की लोकसभा सीटों पर बैठकें कीं। तब देवास से उम्मीदवार प्रहलाद टिपाणिया ने उनकी हार का कारण कांग्रेस की गुटबाजी को बताया।

इसी तरह भोपाल आए पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल से कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार रहे दिग्विजय सिंह ने भी स्थानीय नेताओं के साथ हार के कारणों और कांग्रेस की कमजोरियों पर चर्चा की।


संगठन पर फोड़ा हार का ठीकरा : who is responsible for defeat

रीवा जिले की मउगंज सीट के पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बना Congress MLA ने कहा कि रीवा सीट पर उम्मीदवार का चयन ठीक नहीं हुआ। उनके अनुसार पूर्व विधायक सुंदरलाल तिवारी के निधन के कारण उनके पुत्र सिद्धार्थ को टिकट दे दिया गया जो कि हार का बड़ा कारण रहा।


Congress MLA विधायक सुखेंद्र सिंह का कहना था कि संगठन ने एसी कमरों में बैठकर सर्वे कर लिया और जिताउ उम्मीदवार उनकी नजर में ही नहीं आए, जबकि रीवा सीट पर उनके साथ ही कई और मजबूत दावेदार भी थे।

 

 

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कांग्रेस

सुखेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों को चुनाव लडऩे के लिए फंड भी बहुत कम देती है। विधानसभा चुनाव में उनको सिर्फ बीस लाख रुपए दिए गए जबकि पिछले चुनाव में 50 लाख रुपए दिए गए थे।

संगठन की कार्यप्रणाली के कारण विंध्य में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर होता जा रहा है जबकि उन लोगों ने खूब मेहनत की थी। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और सीधी से उम्मीदवार रहे अजय सिंह ने कहा कि हार जीत तो लगी रहती है लेकिन लाखों से हारना संदेह पैदा करता है,इसमें जरुर इवीएम की भूमिका नजर आती है।

जबकि देवास से उम्मीदवार रहे प्रहलाद टिपाणिया ने कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी हार का प्रमुख कारण है। टिपाणिया ने आरोप लगाया कि उनकी सीट पर सवर्ण नेताओं ने प्रचार नहीं किया,कांग्रेस में जाति को लेकर भेदभाव हुआ है।

 

 

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वहीं एआईसीसी सचिव संजय कपूर ने कहा कि कांग्रेस में कलह जैसी कोई बात नहीं है, बैठकों में नेता हार के कारण बताने के साथ सुझाव भी दे रहे हैं।


दिल्ली ने मांगा बूथ का रिकॉर्ड : AICC Orders
एआईसीसी ने प्रदेश कांग्रेस से बूथ वार वोटिंग का रिकॉर्ड मांगा है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से आए सर्कुलर में पार्टी को सभी 29 सीटों का पूरा वोटिंग रिकॉर्ड भेजने को कहा गया है।

साथ ही हिदायत दी गई है कि सात जून तक ये पूरी जानकारी अनिवार्य रुप भेजें। दिल्ली में इस रिकॉर्ड के आधार पर प्रमुख नेताओं की भूमिका तय की जाएगी। पार्टी ये भी देखेगी कि कांग्रेस के परंपरागत वोट बैंक वाले बूथों पर भी इस बार उसकी हार क्यों हुई है।

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