हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति और उत्तराखंड में हुई ताजा बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ गई है। इसका असर जल्द ही मध्यप्रदेश में भी पड़ने वाला है। मौसम विभाग के मुताबिक जैसे ही हवाओं का रुख बदलेगा और उत्तर की हवा का असर मध्यप्रदेश में भी पड़ने लगेगा।
गिरने लगा तापमान
-मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में न्यूनतम तापमान 16 डिग्री से और अधिकतम तापमान 30 डिग्री से दर्ज किया गया। जबकि 16 अक्टूबर तक ऐसी ही स्थिति बने रहेगी। जबकि धूप-छांव का दौर चलता रहेगा।
-भोपाल में न्यूनतम तापमान 22 डिग्री और अधिकतम तापमान 32 डिग्री दर्ज किया गया। 16 अक्टूबर तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की कमी का अनुमान है।
-इंदौर में भी न्यूनतम तापमान 22 डिग्री और अधिकतम तापमान 32 डिग्री पर है। 16 अक्टूबर तक यहां भी दो डिग्री की कमी का अनुमान है।
-ग्वालियर में भी न्यूनतम तापमान 20 डिग्री पर है। जबकि अधिकतम तापमान 34 डिग्री पर बना हुआ है। 16 अक्टूबर तक अधिकतम तापमान 33 डिग्री और और न्यूनतम 18 डिग्री तक होना चाहिए।
-जबलपुर में न्यूनतम तापमान 21 डिग्री और अधिकतम तापमान 31 डिग्री से रिकार्ड किया गया। जबकि 16 अक्टूबर तक न्यूनतम तापमान 19 डिग्री और अधिकतम तापमान 32 डिग्री रहने का अनुमान है।
-पचमढ़ी में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री बना हुआ है, जबकि अधिकतम तापमान 27 डिग्री पर है। 16 अक्टूबर को न्यूनतम तापमान 16 डिग्री और अधिकतम तापमान 26 डिग्री बना हुआ है।
गरज-चमक के साथ होगी बारिश
मध्यप्रदेश के धार, इंदौर, खरगौन, रतलाम, झाबुआ और उज्जैन जिले में बारिश हो सकती है या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इसके अलावा बाकी सभी जिले में मौसम शुष्क बना हुआ है। यहां बारिश के आसार फिलहाल नहीं हैं।
पिछले 24 घंटों का हाल
पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के इंदौर, उज्जैन एवं जबलपुर संबागों के जिलों में हल्की बारिश हुई तथा शेष संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा। अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन नहीं रहा। वे भोपाल और चंबल संभागों के जिलों में सामान्य से कम और शेष संभागों के जिलों में सामान्य रहे। प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 36 डिग्री से नरसिंहपुर दर्ज किया गया। प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से बैतूल में दर्ज हुआ।
यहां हुई बारिश
मध्यप्रदेश में ज्यादातर जिलों में बारिश नहीं हुई। सैलाना में 3, रतलाम, मंदसौर, झाबुआ में 1 सेमी बारिश दर्ज की गई।
58 साल बाद देरी से विदाई
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 1961 के बाद यह पहला मौका है जब मानसून की विदाई में इतना वक्त लग रहा है। 2019 के मानसून की पूरी तरह से विदाई के लिए 15-16 अक्टूबर की तारीख मानी जा रही है। जबकि मध्यप्रदेश के पश्चिमी हिस्से से मानसून की विदाई हो भी गई है। शेष हिस्सों से दो से तीन दिन में विदाई हो जाएगी।
-भोपाल स्थित मौसम केंद्र के मुताबिक 1961 में 1 अक्टूबर को मानसून विदा हुआ था और 2007 में विदाई की तारीख 30 सितम्बर थी।