यह विचार पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने मंगलवार को समन्वय भवन में तेल कंपनियों द्वारा आयोजित ‘सक्षम संरक्षण क्षमता महोत्सव 2018 के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर इंडियन ऑयल कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक एवं राज्य स्तरीय समन्वयक (मप्र) विज्ञान कुमार, भारत पेट्रोलियम के राज्य प्रमुख पुष्प नायर, एचसीएल के अतुल कुमार शर्मा, गेल की ओर से उमेश पांडे सहित तेल कंपनियों के अधिकारी एवं प्रदेश के विभिन्न स्कूलों से आए विद्यार्थी उपस्थित थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान एवं प्रमुख सचिव केडी त्रिपाठी के संदेश का वाचन किया गया। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि हम सभी की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि सरकार की इस आदर्श मुहिम को सफल बनाएं। विज्ञान कुमार ने कहा कि ‘सक्षम संरक्षण क्षमता महोत्सव 2018 हमारे देश के तेल और गैस संरक्षण तथा भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य जीवाश्म परिवर्तन ईंधन के अनुचित व्यय पर अंकुश लगाना, विदेशी मुद्रा के सरकारी खजाने पर बढ़ रहे बोझ को कम करना तथा जीवाश्म परिवर्तित ईंधन के जलने से निकलने वाली ग्रीन हाउस गैसों के प्रतिकूल प्रभाव से पर्यावरण की रक्षा सुनिश्चित करना है।
तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में पीसीआरए एवं पब्लिक सेक्टर की ऑयल कंपनियों के सहयोग से तेल एवं गैस संरक्षण पखवाड़ा 16 जनवरी से 15 फरवरी 2018 तक पूरे देश में आयोजित किया जा रहा है। इसका इस वर्ष का नारा ‘ईंधन संरक्षण की जिम्मेदारी, जनगण की भागीदारी है। उन्होंने कहा कि स्कूली बच्चों को ऊर्जा संरक्षण के बारे में पूर्ण जानकारी देना इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि इनके द्वारा परिवार में, मित्रों तथा समाज के विभिन्न वर्गों को वर्तमान उत्पादन तथा खपत के बारे में जो जागरुकता संदेश जाएगा, इससे देश को ऊर्जा संरक्षण के लिए अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। इस मौके पर आशा पाठक, तुषार तिवारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
खपत के आधार पर उत्पादन कम
भारत में उर्जा खपत की तुलना में उत्पादन केवल 18.5 प्रतिशत है। 81.5 प्रतिशत हम दूसरे देशों के ऊपर निर्भर होकर आयात करते हैं। भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक तेल संरक्षण के माध्यम से 10 प्रतिशत आयात घटाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए ऊर्जा संरक्षण के माध्यम से अपनाए गए विभिन्न कदम आवश्यक हैं।