scriptपहले पति ने तीन तलाक देकर निकाला, फिर निकाही पिता ने लूटी महिला की अस्मत | woman raped by nikahi father after tripal talaq | Patrika News

पहले पति ने तीन तलाक देकर निकाला, फिर निकाही पिता ने लूटी महिला की अस्मत

locationभोपालPublished: Dec 11, 2019 05:24:08 pm

नए कानून के तहत भोपाल में पहला केस…

पहले पति ने तीन तलाक देकर निकाला, फिर ​निकाही पिता ने लूटी महिला की अस्मत

पहले पति ने तीन तलाक देकर निकाला, फिर ​निकाही पिता ने लूटी महिला की अस्मत

भोपाल। सरकार की ओर से कानून बना कर भले ही तीन तलाक को बैन कर दिया गया हो, लेकिन इसके बावजूद अब भी कुछ जगहो से तीन तलाक के मामले सामने आ रहे हैं। जानकारों की मानें तो कानून के बाद इनकी संख्या में जरूर कमी आई हे, लेकिन ये अब तक पूरी तरह से रुक नहीं पाए हैं।
ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से भी आया है, जहां एक महिला को पति ने तीन तलाक देकर घर से निकाला, वहीं दूसरी ओर निकाही पिता ने हलाला के नाम पर उसकी अस्मत लूट ली। नए कानून के आने के बाद ये भोपाल का पहला तीन तलाक का केस है।
ऐसे समझें मामला…
राजधानी भोपाल के ऐशबाग इलाके में एक मुस्लिम-महिला को उसके पति ने तीन बार तलाक कहकर घर से निकाल दिया है। वहीं महिला के निकाही पिता ने हलाला के नाम पर उसके साथ ज्यादी की। जिसके बाद पीडित महिला ने पति और निकाही पिता के खिलाफ पुलिस में दहेज प्रताड़ना, दुष्कर्म और मुस्लिम महिला संरक्षण कानून के तहत केस दर्ज कराया है।
इस संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महिला का पति शादी के बाद से ही उसे दहेज के नाम पर परेशान किया करता था। जिसके बाद 23 नवंबर को उसके पति ने उसे तीन तलाक कहकर घर से बाहर निकाल दिया। ऐसे में परिजनों की समझााइश के बावजूद समझौता नहीं हुआ। जिसके बाद महिला निकाही पिता अनवर बाबा के पास गई। अनवर तंत्र विद्या करता है।
यहां अनवर ने हलाला के नामपर महिला के साथ दुष्कर्म किया। जिसके बाद महिला ने ये बात अपने पति को बताई तो वह उसे चुप रहने को कहने लगा। कहीं सुनवाई नहीं होती देख महिला देर रात को पुलिस थाने पहुंची ओर उसने मामला दर्ज कराया।
ऐसे समझें : किसे कहते हैं निकाही पिता…
निकाह के वक्त वधु पक्ष की ओर से निकाही पिता बनता है। निकाही पिता के हस्ताक्षर के बाद ही निकाह होता है। निकाही पिता गवाह के रूप में होता है,साथ ही पति पत्नी के बीच विवाद में वह समझौता कराता है।

भोपाल का पहला केस: ये हैं नए नियम: तीन साल तक की सजा का प्रावधान…
जानकारों के अनुसार तीन तलाक अपराध संज्ञेय यानी इसे पुलिस सीधे गिरफ्तार कर सकती है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब महिला खुद शिकायत करे।
इसके साथ ही खून या शादी के रिश्ते वाले सदस्यों के पास भी केस दर्ज करने का अधिकार रहेगा। तीन तलाक देने पर पति को तीन साल की सजा का प्रावधान है।

इसमें मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है। लेकिन जमानत तभी दी जाएगी, जब पीडि़त महिला का पक्ष सुना जाएगा। पीडि़त महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है।
भोपाल: पूर्व में टूटे घर फिर से हुए आबाद!
वहीं इससे पहले तीन तलाक बिल पास होने के बाद कई महिलाओं के टूटे घर फिर से आबाद होने लगे थे। बिल पास होने के बाद पुलिस परामर्श केन्द्रों में हो रहे समझौते के आंकड़े इसके गवाह भी बने।
तीन तलाक में कानून आने के बाद पूर्व में महिला थाने में संचालित परामर्श केन्द्र में तैनात पुलिसकर्मियों का कहना था कि तीन तलाक बोलकर बीवियों को ठुकराने वाले शौहर अब खुद मांफी मांग कर रिश्ता जोडऩे की बात कर रहे हैं। इसकी बड़ी वजह कानून का डर है।
वहीं पूर्व में बिल पास होने के बाद तीन तलाक बोलने की अलग-अलग परामर्श केन्द्र, उर्जा डेस्क में करीब सात शिकायत आईं। इनमें जब पुलिस ने महिलाओं की शिकायत पर पति, ससुराल पक्ष को बुलाया तो वे तीन तलाक बोलने से मुकर गए। इनमें से कुछ ने कहा कि गुस्से में आकर बोल दिया था। ऐसी धारणा नहीं थी। पत्नी को साथ रखने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो