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कन्या छात्रावास में महिला ही होगी रसोइया और सफाईकर्मी

locationभोपालPublished: Dec 15, 2017 09:57:21 am

Submitted by:

anil chaudhary

दुराचारी को फांसी दिए जाने प्रदेशभर में चलेगा हस्ताक्षर अभियान, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एेलान किया है.

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The Chief Minister is revered with respect to the honor of women power.

भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एेलान किया है कि कन्या छात्रावास में अब रसोइया और सफाईकर्मी पद पर महिला ही पदस्थ करना होगा। बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है, साथ ही उन्होंने छात्राओं वाली स्कूल बसों में महिला कंडक्टर, स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे और जीपीएस लगाए जाने की बात भी दोहराई। भोपाल में गुरुवार को आयोजित बेटियों की सुरक्षा के संकल्प के लिए आयोजित कार्यक्रम में सीएम ने यह बात कही। कार्यक्रम तो दुष्कर्मी को फांसी की सजा का प्रावधान किए जाने पर महिला संगठनों द्वारा सीएम के सम्मान के लिए था, लेकिन सीएम ने इसे महिला सुरक्षा संकल्प का नाम दे दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्कर्मियों को फांसी की सजा दिए जाने के प्रावधान पर जब चर्चा चल रही थी तो यह सुझाव भी आया कि दोषियों को सुधरने का मौका दिया जाए, लेकिन यह सही नहीं है। दुष्कर्म करने वाले नरपिचाश हैं, उन्हें जीने का हक नहीं हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के महिला संगठनों से आग्रह किया है कि वे इन दुष्कर्मियों को फांसी देने वाले कानून के पक्ष में सभी जिलों में हस्ताक्षर अभियान चलाएं और कानून के पक्ष में वातावरण का निर्माण करें, ताकि पूरे देश को इसका लाभ मिले। उन्होंने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मिलकर राष्ट्रपति से इस कानून को अनुमति देने की अपील की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में महिला स्वसहायता समूहों और शौर्य दलों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी कि वे बेटियों के प्रति घृणित मानसिकता रखने वालों पर निगरानी रखें और ऐसे लोगों के चरित्र के बारे में संबंधित पुलिस प्रशासन को जानकारी दें। उन्होंने हर जिले में महिलाओं, प्रबुद्ध नागरिकों, जनप्रतिनिधि, मीडिया के प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के संयुक्त सम्मेलन आयोजित करने की बात भी कही। महिलाओं को स्वलंबी बनाने के लिए महिला स्व सहायता समूहों को काम दिया जाएगा। उन्हें स्कूल यूनिफार्म की सिलाई करने का भी काम सौंपा जाएगा।
महिला अपराधों की निगरानी के लिए अलग एडीजी
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर निगरानी रखने के लिए अलग से एडीजी की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही चार आईजी भी सहयोग करेंगे। वे महिलाओं से संबंधित अपराधों पर सतत निगरानी रखेंगे। महिलाआें के क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों को पुरस्कृत करने की बात भी सीएम ने कही।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस, पीएचई मंत्री कुसुम महदेले, नगरीय विकास मंत्री माया सिंह, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ललिता यादव, महिला मोर्चा की अध्यक्षा लता एलकर, साधना सिंह, पूर्व महापौर कृष्णा गौर सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।
विकलांग बेटी की नहीं हो सकी सीएम से मुलाकात
मुख्यमंत्री एक ओर बेटियों की सुरक्षा और रक्षा के लिए संकल्प की बात कर रहे थे। उसी दौरान एक दुखियारी मां अपनी बेटी को सीएम से मुलाकात कराने के लिए संघर्ष करती नजर आई। लांबाखेड़ा निवासी ११ साल की पूजा का बैलगाड़ी से गिरकर पैर टूट गया था। हमीदिया अस्पताल में दो माह तक इलाज चला। इलाज के दौरान घुटने के पास से उसका पैर काटना पड़ा।
विकलांग बेटी को गोदी में मां मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए मौके पर मौजूद अफसरों, नेताओं से प्रयास करते रही। वह बेरिकेट्स फांसकर किसी तरह से मंच के पास तो पहुंच गई लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात में वह सफल नहीं हो सकी। मंच पर महिलाओं से सम्मान कराने के बाद सीएम हाथ हिलाते हुए निकल गए। पीडि़त की मां बेटी के इलाज और आर्थिक मदद चाहती थी।

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