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मेरा शहर मेरा मुद्दा: राजधानी के 85 वार्डों में रोजाना 30 एमएलडी कम पानी की सप्लाई, टैंकरों के भरोसे कई क्षेत्र

locationभोपालPublished: Oct 13, 2018 07:49:39 am

6 विधानसभा क्षेत्रों में 400 करोड़ के प्रोजेक्ट, फिर भी पेयजल संकट…

water crisis

मेरा शहर मेरा मुद्दा: राजधानी के 85 वार्डों में रोजाना 30 एमएलडी कम पानी की सप्लाई, टैंकरों के भरोसे कई क्षेत्र

भोपाल@हर्ष पचौरी की रिपोर्ट…
राजधानी में विधानसभा चुनाव के दौरान पानी का मुद्दा भी लोगों की जुबान पर है। यहां 85 वार्डों में पेयजल का संकट लोगों को परेशान कर रहा है।

दो कार्यकाल से 400 करोड़ से ज्यादा राशि खर्च करने के बावजूद भाजपा की शहर सरकार यहां की प्यास बुझाने में सफल नहीं हो सकी है। अन्य दलों के अलावा कांग्रेस भी इस मुद्दे को लेकर धरने-प्रदर्शन से आगे नहीं बढ़ पाई।
दावेदारों ने वार्डों में जनता की नब्ज टटोली तो पानी को लेकर नाराजगी सामने आई। भाजपा पिछले दो चुनाव से नर्मदा जल भोपाल के हर वार्ड में पहुंचाने का वादा करती आई है, पर पानी कुछ वार्डों तक आकर ही थम गया है। बाकी शहर की प्यास बुझाने वाले बड़ा तालाब और कोलार डैम भी गर्मियों में सूखने लगता है।
उपनगरीय क्षेत्र कोलार में 51 करोड़ रुपए की लागत से केरवा डैम से 225 एमएलडी रोजाना पानी सप्लाई की योजना भी अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सकी है।

शहर में पानी सप्लाई की मौजूदा स्थिति…
118 मिलियन लीटर प्रतिदिन बड़ा तालाब से
185 मिलियन लीटर प्रतिदिन नर्मदा नदी से
155 मिलियन लीटर प्रतिदिन कोलार डैम से
458 मिलियन लीटर प्रतिदिन जल आपूर्ति क्षमता
428 मिलियन लीटर प्रतिदिन गर्मियों में अधिकतम सप्लाई
30 मिलियन लीटर प्रतिदिन सप्लाई एवं आपूर्ति में अंतर
30 साल पुराना है कोलार प्लांट…
कोलार जलशोधन संयंत्र का 30 साल पुराना सिस्टम अपग्रेड नहीं हो सका। इसके बंद होने से शाहपुरा, मनीषा मार्केट, गुलमोहर, नेहरू नगर, कोटरा, जवाहर चौक, गीतांजलि परिसर, अंजलि कॉम्प्लेक्स, ई-7 अरेरा कालोनी, बाल विहार, पीजीबीटी क्षेत्र बैरसिया, चौक बाजार, छोला रोड, शाहजहांनाबाद तक के रहवासी परेशान होते हैं।
मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस का विजन…
केरवा परियोजना के चालू होते ही कोलार का जलसंकट खत्म हो जाएगा। सारी विधानसभाओं में नर्मदा आपूर्ति के लिए टंकियां व पाइप लाइन बिछाई जा रही हैं।
– आलोक शर्मा, महापौर
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने जलसंकट दूर करने के लिए केंद्र से 50 करोड़ रु.मंजूर कराए थे। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद इसे रोक दिया।
– कैलाश मिश्रा, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस

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