दरअसल अननेचुरल सेक्स केस में धारा 377 लगती है, इस धारा के तहत आरोपी सिद्ध हो जाने के बाद सीधे आजीवन कारवास की सजा होती है, साथ ही पुलिस भी आरोपी को सीधे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करती है, ऐसे में महिलाएं अपने पति को सबक सीखने के चक्कर में यह केस लगाने लगी है, जिसकी सलाह वे वकीलों से भी ले लेती हैं, फिर उनके बताए हुए तरीके से रिपोर्ट दर्ज करवाकर पतियों को फंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। क्योंकि पति इस केस में एक झटके में सलाखों के पीछे चला जाता है। आपको बतादें कि दहेज प्रताडऩा के केस में अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है, चूंकि हाईकोर्ट ने सात साल से कम सजा वाले मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है, इसलिए महिलाए सीधे अपने पति पर अननेचुरल सेक्स का आरोप लगाने लगी है, क्योंकि इसमें 10 साल या आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
ऐसे होती है पतियों की गिरफ्तारी
महिलाएं अपने पतियों को सबक सिखाने के लिए दहेज प्रताडऩा के तहत धारा 498 ए और अननेचुरल सेक्स के तहत आईपीसी की धारा 377 के तहत केस दर्ज करा रही है, इस केस के दर्ज होते ही पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करती है, इसके बाद कोर्ट के फैसले पर ही आरोपी को जेल या जमानत पर भेजा जाता है, इसके अलावा आरोप सिद्ध हो जाने पर धारा 377 के तहत आजीवन करावास की सजा भी होती है, इसलिए जिन महिलाओं की अपने पतियों से अनबन हो जाती है, वे उससे छुटकारा पाना चाहती है या फिर उन्हें सबक सिखाना चाहती हैं, तो वे इस प्रकार का प्रकरण दर्ज कराने में कोई कसर नहीं छोड़ती, वे इसके लिए कानून की जानकारी रखने वाले लोगों से भी सलाह ले लेती है।
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अब बगैर मेडिकल टेस्ट नहीं होगी एफआईआर
प्रदेश अननेचुरल सेक्स केस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में फर्जी केसों को रोकने के लिए प्रदेश महिला सुरक्षा शाखा ने अननेचुरल सेक्स की शिकायत दर्ज कराने वाली महिलाओं का मेडिकल टेस्ट कराने के बाद ही केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं, इस आदेश के बाद अब कोई महिला अपने पति पर फर्जी केस दर्ज नहीं करा पाएगी।