पचंायतों का कार्यकाल पूरा होने के बाद नए चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के कई जिलों में स्वीप अभियान संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य पंचायत चुनाव में मतदाता एवं प्रत्याशी के रूप में महिलाओं की सशक्त भागीदारी कायम करना है। इसमें उन महिला पंचायत प्रतिनिधियों के प्रयासों को रोल मॉडल के रूप में प्रस्ततु किया जा रहा है, जिन्होंने संघर्ष, साहस और विकास कार्यों को अंजाम दिया है।
पंचायत चुनाव प्रकिया व उसकी चुनौतियों एवं संभावनाओं पर बीते दिनों राजधानी में राज्य स्तरीय संवाद का आयोजन किया गया। इसमें मप्र के विभिन्न जिलों के लोग, पंचायत राज एवं चुनाव सुधार के लिए सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता एवं महिला पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहीं। सामाजिक कार्यकर्ता श्याम बोहरे ने कहा कि चुनाव की जो प्रकियाएं, प्रावधान विधायक, सांसद एवं अन्य पदों के लिए हैं वही पंचायत प्रतिनिधियों के लिए भी होने चाहिए।
कार्यशाला में पुष्पेंद्र पाल सिंह ने भी पंचायत चुनाव और उससे जुड़ी प्रक्रिया को लेकर अपनी बात रखी। द हंगर प्रोजेक्ट की राज्य समन्वयक शिवानी शर्मा ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया ऐसी होनी चाहिए जिसमें समाज के सबसे कमजोर तबके का व्यक्ति चुनाव लड़ सके। कोई भी संसाधनों के अभाव में इससे वंचित न रह जाए।पांच वर्ष पहले चुनी गई महिला पचंायत जनप्रतिनिधयों ने विकास को नई दिशा देते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, आजीविका जैसे मद्दों पर भी विशेष काम करने के साथ ही पंचायत को महिलाओं को सुरक्षित बनाने के महत्वपूर्ण उपाय किए।