वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र से पता चलता है कि कई मंत्री और विधायक तो ऐसे हैं जिनके पास एक से ज्यादा हथियार हैं। कई पुरुष विधायक तो ऐसे भी हैं जो स्वयं तो हथियार रखते हैं, उनकी पत्नी के पास भी लायसेंसी हथियार हैं। ऐसे विधायकों की संख्या आधा दर्जन से अधिक है।
ग्वालियर-चंबल और मालवा में हथियार के अधिक शौकीन –
ग्वालियर, चंबल में हथियार तो स्टेटस सिम्बल के तौर पर है। यहां के १३ विधायकों के पास हथियार हैं। कुछ तो एेसे हैं जिनके पास एक से अधिक हथियार हैं। एेसी ही स्थिति विध्य और बुंदेलखण्ड की है। विध्ंय में ६ और बुंदेलखण्ड में ८ विधायकों के पास हथियार हैं। मालवा में सर्वाधिक १४ और मध्यभारत के १३ विधायकों ने हथियार के लायसेंस होना स्वीकार किया।
किसने क्या कहा – हां यह सही है मेरे पास हथियार का लायसेंस है, लेकिन मैं हथियार नहीं रखती। बल्कि मैंने तो अपना हथियार बेच दिया है, अब सिर्फ लायसेंस ही मेरे पास है।
– इमरती देवी, कांग्रेस विधायक डबरा हथियार सुरक्षा के लिए है, क्षेत्र में जंगली इलाका भी है, कई बार रात्रि में वहां से गुजरना होता है, इसलिए सुरक्षा के लिए हथियार जरूरी है।
– गोपाल सिंह चौहान, कांग्रेस विधायक चंदेरी