कड़ी मशक्कत के बाद मुलाकात शुरू कराने का आश्वासन देकर महिलाओं को जेल परिसर में वापस भेज दिया गया, लेकिन, वहां पर जाकर जब महिलाओं ने देखा कि मुलाकात खुली न होकर टेलीफोन पर बातचीत के जरिए हो रही है, तो उन्होंने दोबारा परिसर में हंगामा शुरू कर दिया।
इसके बाद सड़क पर जाम लग गया। पुलिस की समझाइश के बाद फिर जाम को खुलवाया गया। पिछले साल हुई सिमी आतंकियों की घटना का हवाला देते हुए जेल प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर किया था। जेल सूत्रों का कहना है कि आईबी का अलर्ट था कि जेल में खुली मुलाकात के दौरान कोई बड़ी घटना हो सकती है। सिमी के आतंकी इसका फायदा उठा सकते हैं। भीड़ को देखते हुए रोजाना होने वाली 2 बजे तक की मुलाकात की जगह जेल प्रशासन ने टेलीफोन के जरिए शनिवार शाम साढ़े 4 बजे तक 800 महिलाओं की बात कराई।
इसके बाद सड़क पर जाम लग गया। पुलिस की समझाइश के बाद फिर जाम को खुलवाया गया। पिछले साल हुई सिमी आतंकियों की घटना का हवाला देते हुए जेल प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर किया था। जेल सूत्रों का कहना है कि आईबी का अलर्ट था कि जेल में खुली मुलाकात के दौरान कोई बड़ी घटना हो सकती है। सिमी के आतंकी इसका फायदा उठा सकते हैं। भीड़ को देखते हुए रोजाना होने वाली 2 बजे तक की मुलाकात की जगह जेल प्रशासन ने टेलीफोन के जरिए शनिवार शाम साढ़े 4 बजे तक 800 महिलाओं की बात कराई।
हाईवे पर चक्काजाम कर किया हंगामा:
भाईयों ने नहीं मिलने दिए जाने से नाराज बहनों ने मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। सड़क के बीचों बीच खड़े होकर इन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही पुलिस द्वारा उन्हें उनके भाईयों से भाईदूज के मौके पर मिलने से रोकने के मामले में नारेबाजी के साथ ही पुलिस पर कई आरोप भी लगाए।
भाईयों ने नहीं मिलने दिए जाने से नाराज बहनों ने मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। सड़क के बीचों बीच खड़े होकर इन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही पुलिस द्वारा उन्हें उनके भाईयों से भाईदूज के मौके पर मिलने से रोकने के मामले में नारेबाजी के साथ ही पुलिस पर कई आरोप भी लगाए।
दूर-दराज से पहुंचीं महिलाएं :
भाई-दूज के दिन शहर के बाहर दिल्ली, सतना, रीवा, इंदौर ग्वालियर से महिलाएं आईं, लेकिन जेल में सुरक्षा कारणों के चलते खुली मुलाकात पर रोक लगा दी गई है। सुबह साढ़े १० बजे मुलाकाती रजिस्टर में नाम लिखने के दौरान महिला प्रहरियों से झड़प शुरू हुई। महिला पुलिस बल ने जब महिलाओं को खदेड़ा तो उन्होंने जवाब में पथराव कर दिया। इतना ही नहीं महिलाओं ने एनएच-12 पर ट्रैफिक जाम कर दिया। करीब 30 मिनट तक महिलाओं का हंगामा चलता रहा।
भाई-दूज के दिन शहर के बाहर दिल्ली, सतना, रीवा, इंदौर ग्वालियर से महिलाएं आईं, लेकिन जेल में सुरक्षा कारणों के चलते खुली मुलाकात पर रोक लगा दी गई है। सुबह साढ़े १० बजे मुलाकाती रजिस्टर में नाम लिखने के दौरान महिला प्रहरियों से झड़प शुरू हुई। महिला पुलिस बल ने जब महिलाओं को खदेड़ा तो उन्होंने जवाब में पथराव कर दिया। इतना ही नहीं महिलाओं ने एनएच-12 पर ट्रैफिक जाम कर दिया। करीब 30 मिनट तक महिलाओं का हंगामा चलता रहा।
पिछले साल हुई सिमी आतंकियों की घटना के मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज से खुली मुलाकात पर रोक लगाई गई थी। सुबह के समय महिलाएं नाराज हुई थीं, लेकिन समझाईश के बाद मामला शांत हो गया।
– संजय पांडे्य, डीआईजी मप्र जेल
– संजय पांडे्य, डीआईजी मप्र जेल
रक्षाबंधन पर चेहरे लगा दी थी मुहर :-
इससे पहले भी रक्षाबंधन पर भोपाल की सेंट्रल जेल में अपने परिजनों से मिलने व राखी बांधने पहुंची महिलाओं व बच्चों के चेहरे पर मोहर लगाने का मामला सामने आ चुका है,इस मामले ने काफी तूल भी पकड़ा था।
जबकि जेल में परिजनों को कैदियों से मिलने से पहले पहचान चिन्ह के लिए इस तरह की सील हाथ पर लगाई जाती है, ताकि कोई कैदी भीड़ का फायदा उठाकर बाहर न निकल जाए।
इससे पहले भी रक्षाबंधन पर भोपाल की सेंट्रल जेल में अपने परिजनों से मिलने व राखी बांधने पहुंची महिलाओं व बच्चों के चेहरे पर मोहर लगाने का मामला सामने आ चुका है,इस मामले ने काफी तूल भी पकड़ा था।
जबकि जेल में परिजनों को कैदियों से मिलने से पहले पहचान चिन्ह के लिए इस तरह की सील हाथ पर लगाई जाती है, ताकि कोई कैदी भीड़ का फायदा उठाकर बाहर न निकल जाए।
लेकिन रक्षाबंधन के दिन भोपाल की सेंट्रल जेल में बड़े ही अमानवीय ढंग से बच्चों व युवतियों के चेहरे पर सील लगा दी गई। जो देखने में ऐसी लग रही थी, जैसे कोई बंधुआ मजदूर हों या वांछित अपराधी। इसे लेकर परिजनों में रोष भी देखा गया, लेकिन वे कुछ कह नहीं सके क्योंकि उन्हें रक्षाबंधन जो मनाना था। इस समय भी जेल अधिकारी भी इसे अनुचित करार दिया था। उनका कहना था कि ऐसा करना न तो जेल मेन्युअल में है और न ही परंपरा में।