scriptअजब-गजब मप्र : स्मार्ट मीटर पर दोहरी नीति, बिल देने वालों पर ही बढ़ेगा बोझ | Wonderful MP: Dual policy on smart meters, the burden will increase on | Patrika News

अजब-गजब मप्र : स्मार्ट मीटर पर दोहरी नीति, बिल देने वालों पर ही बढ़ेगा बोझ

locationभोपालPublished: Oct 25, 2021 09:52:27 pm

—————————– जहां बेहतर बिलिंग उन इलाकों में पहले लगेंगे स्मार्ट मीटर, ज्यादा चोरी वाले इलाके प्राथमिकता से बाहर—————————

bijali

bijali


भोपाल। प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में दोहरी नीति अपनाई गई है। स्मार्ट मीटर को लगाने का मकसद बिजली चोरी में कमी करना और आपूर्ति सर्विस बेहतर करना है, लेकिन इन्हें पहले उन इलाकों में लगाना तय किया गया है जहां पर बेहतर बिलिंग हैं। यानी जहां बेहतर बिलिंग वाले उपभोक्ता हैं, वहां पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जबकि जहां पर ज्यादा चोरी और खपत में गड़बडी हैं वहां पर अभी स्मार्ट मीटर नहीं लगेंगे। ईमानदार उपभोक्ताओं के साथ यह दोहरी मार की स्थिति है।
—————————–
ये है मामला-
दरअसल, सरकार ने प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाना तय किया है। इसके तहत करीब साढ़े तीन लाख मीटर लगाए जा रहे हैं, जबकि 23 लाख मीटर खरीदने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी गई है। अभी करीब एक लाख मीटर लगाए गए हैं। खास बात ये कि शहरों में यह मीटर लगाना तय किया गया है। इसमें भी उन इलाकों को प्राथमिकता पर रखा गया है, जहां पर पहले से डिजिटल मीटर लगे हैं। खेती के फीडर या ग्रामीण इलाकों के फीडर पर स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जा रहे, जबकि सबसे ज्यादा चोरी इन्हीं फीडर्स पर है। ऐसे में सवाल उठता है कि ईमानदार उपभोक्ता पर ही स्मार्ट मीटर की निगरानी का बोझ क्यों बढ़ाया जा रहा है। जबकि, पहले उन जगहों पर मीटर लगना चाहिए जहां पर ज्यादा चोरी की आशंका है।
——————-
क्या है कारण-
शहरों में बेहतर इलाकों को स्मार्ट मीटर लगाने के लिए चुनने का सबसे बड़ा कारण उन इलाकों की बेहतर बिलिंग है। दरअसल, बिजली महकमा मान कर चल रहा है कि जहां ज्यादा चोरी है या गड़बड़ी है, वहां पर काबू पाना आसान नहीं है। जबकि जो उपभोक्ता पहले से बिल दे रहा है, उस पर आसानी से स्मार्ट मीटर लगाकर वसूली की जा सकती है। इससे बिजली कंपनियों का राजस्व बढ़ेगा। इसलिए जहां मीटर चोरी, तार पर तार डालकर चोरी या खेती सहित ग्रामीण अंचल में ज्यादा चोरी वाले फीडर हैं, उन्हें अभी स्मार्ट मीटर की प्राथमिकता से बाहर रखा है।
————————–
इसलिए लगाए जा रहे-
प्रदेश में स्मार्ट मीटर बिजली व्यवस्था को और दुरूस्त करने के लिए लगाए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर में सर्वर रूम से ही खपत देखी जा सकेगी। मीटर कनेक्शन काटने के लिए घर-घर जाने की जरूरत नहीं रहेगी। मोबाइल सिम के फार्मूले पर ही स्मार्ट मीटर काम करेंगे। प्री-पेड स्मार्ट मीटर की सुविधा रहेगी। बाद में सरकारी और निजी कंपनी में बिजली आपूर्तिकर्ता की पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी मिल जाएगी। स्मार्ट मीटर से चोरी रोकने में भी मदद मिलेगी।
—————————–
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो