ट्रेड यूनियन ने केन्द्र की नीतियों एवं बैंकों के निजीकरण के खिलाफ 28 एवं 29 मार्च को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया था। अब 30 मार्च को बैंक खुलेंगे। हड़ताल के पहले दिन बैंक, बीमा, बीएसएनएल, डाक तार, आयकर, सामान्य बीमा, आंगनबाड़ी, कोयला, परिवहन, तेल, पोर्ट, विमानन एवं अन्य संस्थानों में हड़ताल का व्यापक असर देखा गया। कर्मचारियों ने सभाएं आयोजित कर सरकार की आर्थिक एवं श्रम विरोधी नीतियों की आलोचना की।
हड़ताल में बैंक कर्मचारी
वीके शर्मा, प्रवक्ता, संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा मध्यप्रदेश का कहना है कि अधिकारियों के साथ केन्द्रीय कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों ने अपना समर्थन देकर हड़ताल को सफल बनाया। मंगलवार को भी आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद भी सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो आंदोलन को बड़ा रूप दिया जाएगा।
जानिए क्या हैं प्रमुख मांगे
- चार लेबर कोड को समाप्त करो।
- कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद किए गए वायदों को पूरा करो।
- निजीकरण निरस्त करो।
-गैर आयकरदाता परिवारों को प्रतिमाह 7500 रुपए नगद एवं मुफ्त राशन मिले।
-मनरेगा के आवंटन में वृद्धि और रोजगार गारंटी योजना का विस्तार।
-पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कमी की जाए।