
भोपाल में भी हो आधुनिक साइकिल ट्रैक
लेफ्टिनेंट कर्नल स्वरूप सिंह कुंतल ने बताया कि मैंने पांच साल पहले फिट रहने साइकिलिंग शुरू की थी। फिर मुझे ट्राइथलॉन के बारे में पता चला। इसमें स्वीमिंग, रनिंग और साइकिलिंग के इवेंट होते हैं। मैंने मलेशिया आयरनमैन चैंपियनशिप जीती है। अल्ट्रामैन इंडिया में भी विनर रहा। 2018 और 2021 के नेशनल रोड साइकिलिंग चैंपियनशिप में भी हिस्सा ले चुका हूं। साइकिलिंग में भी कॅरियर की अच्छी संभावनाएं हैं। भोपाल में भी साइकिलिंग के लिए नेशनल-इंटरनेशनल लेवल के ट्रैक्स व अन्य सुविधाएं होनी चाहिए।

नेशनल की तैयारी कर रही हूं
विधि बोंडे ने बताया कि मैं 12वीं क्लास की स्टूडेंट हूं। पहले फिटनेस के लिए साइकिलिंग शुरू की थी। फिर कोविड-19 आया तो नियमित साइकिलिंग करने लगी। मुझे ट्राइथलॉन के बारे में पता चला तो इसकी तैयारी शुरू कर दी। मैं अब तक साइकिलिंग के कुरुक्षेत्र, मुंबई और पुणे में हुए तीन नेशनल में हिस्सा ले चुकी हूं। मेरी बेस्ट रैंक 23वीं रही है। अब फिर से इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

नाइट में प्रैक्टिस के लिए हो सुविधाएं
वहीं, कनिष्का सिंह मैंने अपने पापा से इंस्पायर होकर साइकिलिंग करना शुरू किया। दो साल पहले जब साइकिलिंग शुरू की तो कभी सोचा नहीं था कि इसके किसी प्रतियोगिता में भाग लूंगी। इसके बाद नियमित प्रैक्टिस शुरू की और नेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। मैंने वहां यूथ कैटेगिरी में पार्टिसिपेट किया था। अभी मैं 10वीं की छात्रा हूं। भोपाल में प्रोफेशनल साइकिलिंग ट्रैक होना चाहिए। नाइट साइकिलिंग के लिए यदि डेडिकेटेड रोड होंगे, तो साइकिलिस्ट निश्चित होकर प्रैक्टिस कर सकेंगे।

हर सप्ताह 600 किलोमीटर साइकिलिंग करता हूं
अनंत मेहरा ने बताया कि मैं 12वीं क्लास में हूं। दो साल पहले साइकिलिंग शुरू की थी। इसके बाद नेशनल की तैयारी शुरू की। पहला नेशनल कोरोना के चलते नहीं खेल पाया। कुरुक्षेत्र में हुए नेशनल में हिस्सा लिया और 9वीं रैंक हासिल की। अभी प्रति सप्ताह 550 से 600 किलोमीटर साइकिलिंग कर अगले टूर्नामेंट की तैयारी कर रहा हूं।