भोपाल

world tribal day 2019 : आदिवासियों को मिलेगी साहूकारों से मुक्ति, सरकार आज कर सकती है ये बड़ा ऐलान

कमलनाथ सरकार का बड़ा फैसलाअध्यादेश लाएगी सरकार, 15 अगस्त से लागू करने की तैयारीकर्ज की वसूली नहीं कर पाएंगे सूदखोर, कर्ज होगा शून्यप्रदेश के 19 जिलों में 89 ब्लॉक कानून के दायरे में आएंगे

भोपालAug 09, 2019 / 11:04 am

Amit Mishra

भोपाल @हरीश दिवेकर की रिपोर्ट…

प्रदेश में 19 जिलों के 89 आदिवासी ब्लॉक में आदिवासियों का साहूकारी moneylenders कर्जा माफ loan amount होगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ CM KamalNath शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस World Tribal Day पर यह ऐलान कर सकते हैं। सरकार इसके लिए कानून बनाने जा रही है। संभावना है कि अध्यादेश लाकर इसे 15 अगस्त से लागू किया जाएगा।

साहूकारी कर्ज शून्य हो जाएगा

प्रस्तावित कानून के अनुसार साहूकारों ने जिन आदिवासियों को कर्ज दिया है, वे उनसे भविष्य में वसूली नहीं कर सकेंगे। अनुसूचित क्षेत्र में मध्यप्रदेश साहूकार (संशोधन) अधिनियम के तहत साहूकारी लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद आदिवासी ब्लॉक में साहूकार गैर कानूनी तरीके से आदिवासियों को यादा ब्याज पर कर्जा देकर उनका शोषण करते हैं। कानून लागू होने के बाद साहूकारी कर्ज शून्य हो जाएगा। वे वसूली नहीं कर सकेंगे।

 

 

बैंकों से दिलाएंगे 10 हजार का ओवर ड्राफ्ट
साहूकारों का कर्ज शून्य होने के बाद आदिवासी फिर से सूदखोरों के चंगुल में नहीं फंसे, इसके लिए सरकार आदिवासियों को बैंक से 10 हजार रुपए का ओवर ड्राफ्ट दिलवाएगी। इसके लिए संबंधित आदिवासी का बैंक खाता होना अनिवार्य होगा। बैंक आदिवासी को एटीएम कार्ड देगी। इससे वे जरूरत पडऩे पर 10 हजार रुपए तक निकाल सकेंगे। यह राशि उन्हें एक निश्चित समय के बाद वापस बैंक में जमा करनी होगी। जरूरत पडऩे पर वे फिर से इस राशि को निकाल सकेंगे।

 

गिरवी जमीन-जेवर नहीं लौटाए तो दर्ज होगा केस
नया कानून लागू होने के बाद आदिवासियों की गिरवी रखी गई जमीन या अन्य कोई वस्तु स्वत: मुक्त हो जाएगी। साहूकारों को उसे तत्काल वापस करना होगा। अगर साहूकार आदिवासियों की गिरवी रखी जमीन व जेवर लौटाने से इंकार करता है तो उनके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज होगा।

 

जेवर गिरवी रख देते हैं
खुद की जमीन से होते हैं बेदखल: प्रदेश में ज्यादातर आदिवासी कर्ज की एवज में जमीन और जेवर गिरवी रख देते हैं। रुपए नहीं चुकाने पर साहूकार जमीन कब्जे में ले लेते हैं और बंटाई पर दे देते हैं।

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