शहर में वसंत पंचमी के स्वागत की तैयारियां शुरू हो गई है। वसंत पंचमी पर श्रद्धालु पीले वस्त्र धारण कर वेद मंत्रों के साथ विद्यादाती मां सरस्वती की आराधना करेंगे। मंदिरों और घरों में भी विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। इस बार वसंत पंचमी का पर्व कई शुभ संयोगों में मनाया जाएगा। वसंत पंचमी पर स्कूल, संस्कृत पाठशालाओं, आश्रमों में वेद पूजा, सरस्वती पूजा होगी, वहीं मंदिरों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पं. जगदीश शर्मा ने बताया कि वसंत पंचमी पर तीन शुभ योग विद्यमान रहेंगे। इस दिन सुबह से शाम 5 बजकर 42 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा, इसके बाद साध्य योग की शुरुआत होगी।
इसी प्रकार शाम 4 बजकर 9 मिनट से रवि योग का आगमन होगा।
धर्मग्रंथों के अनुसार वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं और समस्त देवी देवताओं ने मां सरस्वती की स्तुति की थी। इसलिए यह पर्व मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। विद्या आरंभ करने अथवा किसी नई कला की शुरुआत करने के लिए यह दिन शुभ माना जाता है।
खरीदारी के लिए शुभ दिन
पं. प्रहलाद पंड्या के अनुसार वसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त की श्रेणी में आता है। इस बार वसंत पंचमी पर उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र, मीन का चंद्र रहेगा साथ ही मकर का सूर्य रहेगा। यह दिन सभी प्रकार की खरीदारी और शुभ
कार्यों के लिए काफी उत्तम माना गया है। इसलिए इस दिन खरीदारी करना भी शुभ माना जाता है। इस भूमि, भवन, वाहन, आभूषण सहित सभी प्रकार की खरीदारी करना इस दिन श्रेष्ठ रहेगा। इसके साथ ही विवाह के लिए भी यह दिन शुभ रहेगा, वैसे तो यह विवाह के लिए शुभ माना ही गया है, साथ ही इस दिन पंचागगत मुहूर्त भी काफी श्रेष्ठ है।
वसंत पंचमी का पर्व साल में आने वाले स्वयंसिद्ध मुहूर्तों में से एक माना जाता है। इसलिए इस दिन शादियों का विशेष मुहूर्त होता है और इसमें जमकर शादियां होती है। पिछले साल वसंत पंचमी पर शुक्र अस्त होने के कारण इस अबूझ मुहूर्त पर शादियों के योग नहीं थे, क्योकि विवाह कार्यों के लिए गुरु और शुक्र दोनों का उदित होना जरूरी है। इस बार इस महामुहूर्त पर इस तरह कोई विघ्न नहीं है, इसलिए इस दिन जमकर शादियां होगी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसमें कुछ कमी आ सकती है।