2019 में मध्यप्रदेश की सियासत में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का नाम सबसे आगे रहा। साध्वी प्रज्ञा मालेगांव बम ब्लास्ट में आरोपी हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव के समय भाजपा में शामिल हुईं और तब से लेकर अब तक वो लगातार अपने बयान के कारण सुर्खियों में हैं। 2008 में मुबंई आंतकी हमले का जिक्र जब भी आता है तो आंखे नम हो जाती हैं। पर 2019 में इस घटना को मध्यप्रदेश में एक नया रूप दिया गया। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा से उम्मीदवार बनने के बाद साध्वी ने सबसे पहले मुबंई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया था। साध्वी ने कहा हेमंत करकरे ने मुझे मालेगांव ब्लास्ट केस में फंसाया। इस दौरान मैंने उन्हें बताया था कि तुम्हारा सर्वनाश हो जाएगा, वो अपने कर्मों की वजह से मरे हैं।
नाथूराम गोड़से देशभक्त
लोकसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में था। साध्वी ने एक रैली में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथू राम गोड़से को देशभक्त कह दिया। अभिनेता से नेता बने कमल हसन के बयान पर प्रतिक्रया देते हुए साध्वी बोलीं। नाथूराम गोड़से देशभक्त थे। देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। साध्वी के इस बयान के बाद देशभर में जमकर बवाल हुआ। भाजपा ने साध्वी के बयान से खुद को अलग कर लिया। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस मसले पर सफाई दी। मोदी ने कहा- मैं साध्वी प्रज्ञा सिंह को कभी भी मन और दिल से माफ नहीं कर पाऊंगी। साध्वी को इस बयान पर माफी भी मांगी पड़ी पर सियसात में बवाल तो हुआ ही।
बल्लामार कांड
कैलाश विजयवर्गीय के बयानों को तो आपने सुना ही होगा पर उनके बेटे की तो बात ही अलग है। विधायक बनने के बाद आकाश विजयवर्गीय बल्लेबाज हो गए। महीना जून का था और जगह थी इंदौर। नगर निगम की टीम एक क्षतिग्रस्त मकान को गिराने पहुंची थी। भाजपा नेता अतिक्रमण का विरोध कर रहे थे। विरोध करने वालों में विधायक आकाश विजयवर्गीय भी शामिल थे। आकाश ने निगम अधिकारी को बल्ले से पीट दे दिया। इस आरोप में आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर लिया गया। आकाश पर गुंडागर्दी का आरोप लगा। 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
कैलाश विजयवर्गीय के बयानों को तो आपने सुना ही होगा पर उनके बेटे की तो बात ही अलग है। विधायक बनने के बाद आकाश विजयवर्गीय बल्लेबाज हो गए। महीना जून का था और जगह थी इंदौर। नगर निगम की टीम एक क्षतिग्रस्त मकान को गिराने पहुंची थी। भाजपा नेता अतिक्रमण का विरोध कर रहे थे। विरोध करने वालों में विधायक आकाश विजयवर्गीय भी शामिल थे। आकाश ने निगम अधिकारी को बल्ले से पीट दे दिया। इस आरोप में आकाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार कर लिया गया। आकाश पर गुंडागर्दी का आरोप लगा। 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
पाकिस्तान के लिए फंडिंग करते हैं गैर मुस्लिम
भगवा आतंकवाद की थ्योरी गढ़ने वालों में शुमार रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने विवादित बयानों का सिलसिला 2019 में भी जारी रखा। 2019 में दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले लोगों की गिरफ्तारी को धर्म से जोड़ दिया। दिग्विजय ने कहा पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पकड़े गए लोग बीजेपी और बजरंग दल से जुड़े हैं। ISI के लिए जासूसी मुसलमान कम और गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं।
मंदिरों में हो रहे रेप
दिग्विजय सिंह यहीं नहीं रूके। उन्होंने एक बार फिर विवादित बयान दिया। इस बार उनके निशाने पर था भगवा रंग। भोपाल में सीएम कमल नाथ के साथ मंच शेयर करते हुए दिग्विजय ने कहा- लोग भगवा पहनकर मंदिरों में रेप करते हैं।
साध्वी को जिंदा जला देंगे
संसद में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा नाथूराम गोड़से को देशभक्त कहा था। इस बयान का विरोध हुआ, लेकिन राजगढ़ के ब्यावरा से कांग्रेस विधायक के बयान पर जमकर बवाल हुआ। कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी ने कहा नाथू राम गोडसे की पैरवी करने वाली साध्वी को हम जिंदा जला देंगे। गोवर्धन दांगी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया और मध्यप्रदेश की सियासत में जमकर हंगामा हुआ। साध्वी प्रज्ञा ने ब्यावरा जाने का फैसला किया लेकिन बाद में पार्टी ने उन्हें ब्यावरा जाने से रोक दिया।
संसद में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा नाथूराम गोड़से को देशभक्त कहा था। इस बयान का विरोध हुआ, लेकिन राजगढ़ के ब्यावरा से कांग्रेस विधायक के बयान पर जमकर बवाल हुआ। कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी ने कहा नाथू राम गोडसे की पैरवी करने वाली साध्वी को हम जिंदा जला देंगे। गोवर्धन दांगी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया और मध्यप्रदेश की सियासत में जमकर हंगामा हुआ। साध्वी प्रज्ञा ने ब्यावरा जाने का फैसला किया लेकिन बाद में पार्टी ने उन्हें ब्यावरा जाने से रोक दिया।
भाजपा को सबसे बड़ा झटका
दिसंबर 2018 में कमलनाथ की सरकार बनी। 1 जनवरी से भाजपा ने लगातार बयाजबाजी की। कहा ये अस्थिर सरकार है। इसके कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। ऐसे ही बयान कांग्रेस की तरफ से आए कि भाजपा के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। इस तरह के बयानों में पूरा साल बीत गया। इन बयानों के बीच कांग्रेस ने भाजपा को उस वक्त बड़ा झटका दिया जब विधानसभा में भाजपा के दो विधायकों ने कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोटिंग की।