दरअसल, आईएमटी पर अवैध रूप से जमीन कब्जाने का आरोप बीजेपी नेता राजेंद्र त्यागी ने लगाया था। इसे लेकर सीएम और राज्यपाल से उन्होंने शिकायत की थी। जिसके बाद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की वाइस प्रेसिडेंट कंचन वर्मा ने जांच समिति के फैसले पर मुहर लगा दी। वहीं, प्रवर्तन विभाग को जमीन पर कब्जा लेने और जमीन पर बने हॉस्टल को तोड़ने का निर्देश भी जारी किया है।
यह जमीन गाजियाबाद के राजनगर स्थित आईएमटी परिसर की है। इसे लेकर शिकायत की गई थी कि 1968 में गाजियाबाद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने लाजपत राय कॉलेज के लिए वहां 54049.25 वर्ग गज जमीन आवंटित की थी। अब गाजियाबाद इंप्रूवमेंट अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण है।
आवंटन के समय से ही 10841 वर्ग मीटर जमीन पर विवाद चल रहा था। कोर्ट से स्टे था, जो 1977 में खारिज हो गया। आरोप है कि गलत तरीके से जमीन पर आईएमटी कॉलेज का निर्माण किया गया। जीडीए सचिव संतोष राय की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच कराई गई। जांच को सही मानते ही अब आवंटन को रद्द कर दिया गया है।
गौरतलब है कि आईएमटी की गिनती देश के टॉप संस्थानों में होती है। 1970 के दशक में इसकी स्थापना कमलनाथ के पिता महेंद्र नाथ ने की थी।