लोगों की पैसों की जरूरत को देखते हुए कई तरह की योजनाएं बैकों के साथ ही अन्य कई संस्थाएं भी चलाती हैं। लेकिन जागरुकता की कमी या किसी दूसरी परेशानी के चलते कई बार लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं।
और तो और कई बार हम भी अपने भविष्य को संवारने के लिए कड़ी मेहनत तो करते हैं, लेकिन महंगाई के इस दौर में अपने सभी सपने पूरे नहीं कर पाते।
वहीं भविष्य की चिंता और रिटायर्मेंट को लेकर भी तरह तरह की चिंताएं हमें घेर लेती हैं, ऐसे में अधिकांश लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट के बाद लोग पेंशन की सुविधा लेते हैं।
ऐसे में हम आपको सरकार की एक ऐसी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके तहत आप थोड़ा निवेश कर हर महीने 60 हजार रुपए की पेंशन ले सकते हैं।
जी हां, हम बात कर रहे हैं नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की। इस स्कीम के तहत प्रति माह पांच हजार रुपए निवेश कर आप रिटायरमेंट के बाद हर महीने 60 हजार रुपये की पेंशन पा सकते हैं। इतना ही नहीं, इसमें आपको 23 लाख रुपए की एकमुश्त रकम भी मिलेगी।
ऐसे समझें इसका गणित…
इस स्कीम से 18 से 60 साल की उम्र के लोग जुड़ सकते हैं। बता दें कि पहले यह स्कीम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए थी, लेकिन साल 2009 में इस स्कीम को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी शुरू कर दी गई थी।
स्कीम के तहत निवेश किए गए पैसे को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया जाता है।
दरअसल आपके द्वारा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में जमा किए गए पैसे को निवेश करने का जिम्मा PFRDA द्वारा रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया जाता है।
अभी 8 फंड मैनेजर योजना से जुड़े हैं जो आपके पैसे को इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज के अलावा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं। सब्सक्राइबर्स इनमें से चुनाव कर सकते हैं या बदलाव कर सकते हैं।
अगर आपकी उम्र 25 साल है और आप 35 साल तक हर महीने पांच हजार रुपये निवेश करते हैं, तो कुल निवेश 21 लाख रुपए होगा। मान लीजिए कि अगर आपको आठ फीसदी रिटर्न मिलता है तो कुल कॉर्पस 1.15 करोड़ रुपये होगा।
इसमें से 80 फीसदी रकम से एन्युटी खरीदते हैं तो वह वैल्यू करीब 93 लाख रुपए होती है और लम्पसम वैल्यू 23 लाख रुपए के करीब होगी। एन्युटी रेट आठ फीसदी हो तो 60 की उम्र के बाद हर महीने 61 हजार रुपए के करीब पेंशन बनेगी। साथ ही अलग से 23 लाख रुपये का फंड भी मिलेगी।
रिटायरमेंट सेविंग स्कीम…
दरअसल नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है। इस स्कीम को केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। 1 जनवरी 2004 के बाद नौकरी पर लगने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए इस योजना में निवेश करना जरूरी है।
2009 के बाद से इस योजना को प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए भी खोल दिया गया, लेकिन प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए इस योजना में निवेश करना आनिवार्य नहीं है।
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी अपनी मर्जी से इस योजना में निवेश कर सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी एनपीएस का एक हिस्सा निकाल सकते हैं और बाकी रकम से रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए एनुइटी ले सकते हैं।
ये है खास फायदा…
NPS के तहत रिटायरमेंट के समय कॉर्पस से निकाले जाने वाले 60 फीसदी रकम पर कोई टैक्स नहीं होगा। इसके पहले सिर्फ 40 फीसदी कॉर्पस ही टैक्स फ्री था, बाकी 20 फीसदी पर टैक्स लगता था। वहीं, NPS को EEE यानी एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट-एग्जेंप्ट का दर्जा दिया गया है। टैक्स को लेकर नए नियमों से यह स्कीम अब पहले से ज्यादा फायदेमंद हो गई है।
3 बार कर सकेंगे आंशिक विदड्रॉल
NPS सब्सक्राइबर्स जरूरत पड़ने पर केवल तीन साल बाद भी NPS अकाउंट से प्रीमैच्योर विदड्रॉल कर सकेंगे। अभी तक अकाउंटहोल्डर्स रिटायरमेंट के बाद पूरा या फिर NPS में डिपॉजिट शुरू होने के मिनिमम 10 साल बाद ही आंशिक तौर पर पैसा विदड्रॉ कर सकते थे।
लेकिन अब इसमें से डिपॉजिट शुरू होने के तीन साल बाद सब्सक्राइबर इसमें से पहला विदड्रॉल कर सकता है। यह नियम 10 अगस्त 2017 से प्रभावी हुआ।
स्कीम के तहत दो तरह के खाते होते हैं, टियर-I और टियर-II खाता। टियर-I खाता खुलवाना हर किसी के लिए अनिवार्य होता है। वहीं टियर-II खाता कोई भी टियर-I खाता खुलवाने वाला शुरू कर सकता है।
Tier I NPS सब्सक्राइबर्स को तीन टुकड़ों में आशिंक रूप से NPS से विदड्रॉल की अनुमति होगी। विदड्रॉल की लिमिट उस वक्त NPS अकाउंट में मौजूद बैलेंस के 25 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती.।हालांकि सब्सक्राइबर्स के Tier-II अकाउंट से विदड्रॉल पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
ये हैं शर्तें…
स्कीम में शामिल होने की शर्तें कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 18 से 60 साल के बीच है, इसमें शामिल हो सकता है। इस स्कीम में शामिल होने के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) नियमों का पालन करना जरूरी है।
2 तरह के होते हैं अकाउंट
स्कीम के तहत 2 तरह के टियर1 और टियर2 अकाउंट होते हैं. टियर1 अकाउंट खुलवाना जरूरी है, जबकि टियर2 अकाउंट कोई भी टियर1 अकाउंट खुलवाने वाला शुरू कर सकता है। टियर1 अकाउंट से 60 साल की उम्र के पहले पूरा फंड नहीं निकाला जा सकता है।
एनपीएस में निवेश बीच में रोकने पर अकाउंट फ्रीज हो सकता है और अकाउंट दोबारा ओपन करवाने के लिए हर साल के हिसाब से 100 रुपये पेनाल्टी देनी पड़ती है।
सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में योजना के लिए सरकारी और निजी बैंकों को प्वॉइंट ऑफ प्रेजेंस बनाया है। आप किसी भी नजदीकी बैंक ब्रांच में जाकर अकाउंट खुलवा सकते हैं।
1- एड्रेस प्रूफ. 2- आइडेंटिटी प्रूफ. 3-बर्थ सर्टिफिकेट या दसवीं कक्षा का सर्टिफिकेट. 4-सब्सक्राइबर रजिस्ट्रेशन फॉर्म।