scriptसीएम ने जिस पेड़ का किया है रोपण, किसी चमत्कार से कम नहीं है वो शल्यकर्णी पौधा, जानिए उसके गुण | Amazing plant: you know about Amazing plant planted by CM Kamal Nath | Patrika News

सीएम ने जिस पेड़ का किया है रोपण, किसी चमत्कार से कम नहीं है वो शल्यकर्णी पौधा, जानिए उसके गुण

locationभोपालPublished: Sep 28, 2019 01:56:44 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

अतिदुर्लभ प्रजाति के शल्यकर्णी पौधे का वर्णन महाभारत काल में भी किया गया है।

Amazing plant
भोपाल. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शुक्रवार को मंत्रालय परिसर में अतिदुर्लभ प्रजाति के शल्यकर्णी पौधे का रोपण किया। यह पौधा हरा भोपाल शीतल भोपाल अभियान के तहत मंत्रालय में बनाए गए अदिती वन में लगाया गया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिस पौधे को लगया है इस पौधे का उल्लेख महाभारत काल में भी किया गया है। यह पौधा धीरे-धीरे विलप्त होता जा रहा है। पौधा रोपण के बाद सीएम कमलनाथ ने कहा- बढ़ते हुए प्रदूषण की रोकथाम और हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को जीवित रखने के लिए जंगलों को बचाना जरूरी है। उन्होंने कहा हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए सुरक्षित और सुंदर प्रदेश का निर्माण करें।
क्यों खास है यह पौधा
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जिस अतिदुर्लभ प्रजाति के शल्यकर्णी पौधे को लगाया है। वो बेहद खास पौधा है। इस पौधे का उपयोग महाभारत के युद्ध के समय किया गया था। कहा जाता है कि कुरूक्षेत्र में महाभारत के युद्ध में शल्यकर्णी की पत्ती और छाल को घायल सैनिकों के उपचार के लिए प्रयोग में लाया गया था। इसकी पत्तियों और छल के रस को कपड़े में डूबा कर गंभीर घाव में बांध दिया जाता था। जिसकी बाद घाव बिना किसी चीर-फाड़ के बाद आसनी से भर जाता था। बताया जाता है कि इस पेड़ की इसी खासियत के कारण ही महाभारत काल में घायल सैनिकों ने इसका उपयोग किया था।
kamal_nath_1.jpg
रीवा में पाया जाता है ये पौधा
शल्यकर्णी पौधे को लेकर कहा जाता है कि यह पौधा मध्यप्रदेश के रीवा जिले में पाया जाता है। इस पौधे के रीवा में पाए जाने को लेकर कई तरह की किवदंतियां भी हैं। रीवा में शैल्यकणी के मौजूद होने के प्रमाण कुछ बैगा आदिवासियो ने दिये थे। ऐसा कहा जाता है कि जंगल मे कुछ बैगा आदिवासियों ने मछली का शिकार किया और मछली के शरीर में घाव भी किया गया था। बाद में उसे शल्यकर्णी के पत्तें मे बांध कर घर ले आये लेकिन मछली के कटे हुए घाव भर गए थे। शल्यकर्णी का उल्लेख महाभारत के साथ-साथ चरक सहिता में भी मिलता है। वन विभाग ने शल्यकणी को संरक्षित कर पौधों को रोपित करने का प्रयास कर रहा है।

गरुण वृक्ष भी लगाया गया
सीएम कमलनाथ के साथ प्रदेश के कई मंत्रियों ने गरुण वृक्ष का पेड़ लगाया। इस दुर्लभ वृक्ष की पत्तियों का उपयोग पूजा में होता है। इसके अलावा लोग इसे अपने घरों में भी रखते हैं। क्षेत्रीय लोगों का विश्वास है कि गरूड़ वृक्ष की पत्तियों को घर में रखने से सर्प नहीं आते। कहा जाता है कि यह गरूण वृक्ष सांपों के लिए काल के समान है। सांप इसके नजदीक भी नहीं फटकते पर यदि गलती से आ गए तो इस वृक्ष के प्रभाव से उनकी मौत हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि गरूण सांपों के दुश्मन हैं जिसकी वजह से इस वृक्ष के पास आने मात्र से सांप अपने आप ही मारे जाते हैंं। कहते हैं कि इस वृक्ष से कुछ ऐसे रसायनों का स्राव होता है जिनकी वजह से सांपों की मौत हो जाती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो