scriptजानते हैं, जान जोखिम में है फिर भी डटे मैदान में | You know, life is at risk, still in the ground | Patrika News

जानते हैं, जान जोखिम में है फिर भी डटे मैदान में

locationभोपालPublished: Apr 08, 2020 12:54:35 am

Submitted by:

anil chaudhary

– कोरोना को हराना है: स्वास्थ्य और पुलिस अमला दिन-रात कर रहा काम

corona

corona

भोपाल. कोरोना के कहर से लडऩे के लिए मंत्रालय से लेकर मैदान तक सरकारी अमला जान जोखिम में डालकर डटा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर अफसर तक सुबह से शाम तक जुटे हैं। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस का अमला भारी खतरे के बीच काम कर रहा है। संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा स्वास्थ्य और पुलिस अमले को रहता है, लेकिन कहीं भी इस अमले ने मैदान नहीं छोड़ा। इसके चलते शिवराज ने चुनिंदा नर्स, एएनएम और पुलिसकर्मियों से फोन पर संवाद करके हौसला बढ़ाया है।
– स्वास्थ्य सहित मैदानी अमला
राज्यस्तर पर स्वास्थ्य विभाग के आठ अफसर पॉजिटिव आ चुके हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य अमले ने हिम्मत नहीं हारी। पूरे हौसले के साथ कोरोना के खिलाफ काम कर रहा है। जबकि, संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा इन्ही को है। इनके लिए करीब 40 हजार पीपीई किट की जरूरत है, लेकिन उपलब्ध महज नौ हजार हैं। स्वास्थ्य पीएस पल्लवी जैन गोविल व आयुष्मान भारत के मध्यप्रदेश सीईओ जे. विजय कुमार पॉजिटिव आए चुके हैं। इसके बावजूद पल्लवी लगातार काम कर रही हैं। संक्रमण के मानसिक दबाव के बावजूद कई अफसर इसी तरह दिन-रात काम में जुटे हैं। मैदानी अमला अस्पताल से लेकर मैदान तक में डटा है तो जान जोखिम में डालकर। इंदौर में एक पीजी डॉक्टर संक्रमण की चपेट में आ चुकी है। सीएम ने भी इन्हें विशेष एहतियात बरतने के लिए कहा है। इंदौर में डॉक्टरों पर पथराव की घटना हो चुकी है। स्क्रीनिंग से लेकर पॉजिटिव मरीज के उपचार तक इन्हें ही सबसे अधिक खतरा है। फिर भी पूरे प्रदेश में कही पर भी स्वास्थ्य कर्मचारियों व इनसे जुड़े अमले ने मैदान नहीं छोड़ा है।

– स्वास्थ्य अमले को चाहिए किट
पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) किट की जरूरत इलाज करने वाले अमले को होती है। यह किट संक्रमण से बचाती है, लेकिन मध्यप्रदेश में इस किट की भारी किल्लत है। छह अप्रेल की स्थिति में प्रदेश के पास महज 9027 पीपीई किट हैं। सरकार के पास 21911 पीपीई किट थी। इसमें से 12884 किट का उपयोग किया जा चुका है। इन 9027 किट के मुकाबले 40 हजार से ज्यादा किट की जरूरत मैदानी अमले ने जताई है, लेकिन उन्हें किट नहीं मिल पाई है। सरकार ने अब हर दिन दो हजार किट प्रदेश में ही बनाने का दावा किया है, लेकिन इनकी आपूर्ति से अगले हफ्ते तक ही होगी।

 

– पुलिस भी डटी मैदान में
लॉकडाउन का पालन कराना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। मैदानी अमला दिन-रात गश्त करता है। कुछ टीआई व पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव भी हो चुके हैं। इसके बावजूद पुलिस मैदान में डटी है। राज्यस्तर पर डीजीपी विवेक जौहरी व गृह विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा सुबह-शाम रिव्यू कर रहे। जमात में शामिल लोगों को ढूंढना भी बड़ी चुनौती रहा है। वहीं, आईएएस के पॉजिटिव केस आने के बाद गृह पीएस एसएन मिश्रा भी संक्रमण के खतरे में आ गए, लेकिन मॉनिटरिंग और रिव्यू नहीं छोड़ा।

– संभाग-जिला स्तर
संभाग व जिलास्तर के अफसर भी मॉनिटरिंग में लगे हैं। मसलन, इंदौर में संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी व कलेक्टर मनीष सिंह और भोपाल में संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव व कलेक्टर तरुण पिथोड़े दिन-रात जुटे हैं। इन दोनों जगह ही सबसे ज्यादा पॉजिटिव केस पाए गए हैं। दोनों शहरों को संभालना बड़ी चुनौती है। अफसर सुबह-शाम अफसर बैठकें कर रहे हैं। देर रात तक राज्यस्तर पर आला अफसरों से समन्वय करके निर्णय करते हैं। लॉकडाउन का पालन करना भी चुनौतीपूर्ण है। दोनों संभागायुक्त परिक्षेत्र के हर कलेक्टर से पूरी रिपोर्ट ले रहे हैं। साथ ही अन्य आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

– स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरणों की स्थिति
उपकरण- उपलब्धता- उपयोग – शेष
पीपीई किट- 21911 – 12884 – 9027
एन-95 मास्क- 77741- 31579- 46162
थ्री-लेयर मास्क- 581000- 27000- 554000

– ऐसे की जा रही खरीदी
172000 नई पीपीई किट खरीदी की प्रक्रिया चल रही।
211000 नए एन-95 मास्क की खरीदी हो रही।
1000000 नए थ्री-लेयर मास्क खरीदे जा रहे हैं।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो