उन्होंने कहा कि खुद को कमजोर नहीं समझना चाहिए। कमजोर कभी सवाल नहीं पूछता। वह दूसरों के डर से हमेशा अपने सवालों मन में दबाए रहता है। उन्होंने अपने मोटिवेशनल स्पीकर बनने का किस्सा सुनाते हुए कहा कि जामिया हमदर्द विवि में टर्नकोर्ट का आयोजन हुआ। इसमें वक्ता को पक्ष और विपक्ष दोनों में बोलना होता है। मैं डरता हुआ स्टेज पर पहुंचा और जैसे-तैसे स्पीच पूरी की। मुझे यकीन था कि मैं तो जीत ही नहीं सकता। जब रिजल्ट आया तो मैं विजेता था। यह मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट था।
एम- मोटिवेशन
जीवन में गिरे या फेल नहीं हो रहे यानी कुछ नया नहीं कर रहे। अपने अंदर मोटिवेशन जगाते रहें। जैसे जीने के लिए सांस जरूरी है, वैसे ही जीतने के लिए लड़ते रहना जरूरी है। सक्सेस को दिल से चाहना होगा।
ए – एटीट्यूटड
जब लीडर यह सुनता है कि किसी ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया, तो वह भी उस काम को करने में जुट जाता है। हारा हुआ आदमी कहता है कि सिर्फ एक ने ही तो ऐसा किया मैं कैसे कर पाऊंगा। आपको लीडर बनना होगा।
के – नॉलेज
अधिकांश स्टूडेंट्स को नॉलेज ही नहीं होती कि सक्सेस के कितने रास्ते हैं। वे परंपरागत रास्तों से हटकर सोचते नहीं। एक्सपीरियंस ही नहीं, बल्कि आपको आगे बढऩे के लिए नए फंडे भी अपनाने होंगे।
ई- इनवायरमेंट
आप ऐसे लोगों के साथ रहें तो नया करते हों। सक्सेसफुल लोग आपको मोटिवेट करेंगे और आपके आप-पास ऐसा माहौल क्रिएट होगा कि आप भी सक्सेस के रास्ते पर चल पडेंग़े। हर दिन आपको कुछ नया सिखना होगा।