पुरानी व्यवस्था के अनुसार कंडम अथवा निष्प्रयोजित वाहनों के स्क्रेप होने के साथ ही वाहन का नंबर भी ब्लॉक कर दिया जाता था। इससे वीआइपी नंबर लेने वाले वाहन मालिक को नया नंबर लेना पड़ता था। नई व्यवस्था के तहत अब वीआइपी नंबर लेने वाला परिवार उसी श्रेणी का दूसरा वाहन लेने पर शुल्क जमा कर नीलामी में आए बगैर अपना वीआइपी नंबर प्राप्त कर सकेगा।
पहले ये थी व्यवस्था
– इससे पूर्व व्यवस्था में मई 2014 के पहले वीआइपी नंबर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर आवंटित किए जाते थे। 01 से 09 नंबर का शुल्क 15 हजार, 10 से 100 का 12 हजार, विशिष्ट नंबरों के लिए 10 हजार व शेष नंबरों का शुल्क 2 हजार रुपए था।
– इसके बाद ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई थी। इसके तहत उच्चतम बोली लगने पर ही नंबर खरीदा जा सकता था।
ऑनलाइन मेडिकल सर्टिफिकेट मान्य
– लर्निंग लाइसेंस एवं अन्य परिवहन दस्तावेजों के लिए जरूरी मेडिकल सर्टिफिकेट ऑनलाइन जारी करने की व्यवस्था की गई है। आवेदन के साथ सर्टिफिकेट लगाना होगा।
– मुकेश जैन, परिवहन आयुक्तनई व्यवस्था में अनावश्यक भीड़-भाड़ और बोली की प्रक्रिया में आवेदक को नहीं उलझना पड़ेगा। राजपत्र में नियम का प्रकाशन हो गया है।
ऑनलाइन रिन्यू करवा सकेंगे ड्राइविंग लाइसेंस
विदेशों में रह रहे भारतीयों के लिए परिवहन विभाग एक बड़ी सुविधा शुरू करने जा रहा है। 10 फरवरी से विदेशों में रह रहे ऐसे भारतीय जिन्होंने मध्यप्रदेश के किसी भी आरटीओ ऑफिस से अंतरराष्ट्रीय लाइसेंस लिया है, वह बिना आरटीओ ऑफिस आए ऑनलाइन ही अपने लाइसेंस को रिन्यू करवा सकेंगे।
इस व्यवस्था के तहत अब आवेदकों को सिर्फ लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए बेवजह भारत नहीं आना पड़ेगा। इस संबंध में पिछले साल केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किया था। इसके बाद देश के कुछ प्रमुख राज्यों जैसे महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली द्वारा इस व्यवस्था को लागू भी किया जा चुका है, वहीं 10 फरवरी से मध्यप्रदेश में भी इस व्यवस्था को शुरू किया जा रहा है।