अंधविश्वास के चलते उखड़ गईं सांसें
जानकारी की मुताबिक गनियारी गांव का रहने वाला युवक नारायण सिंह सेहरिया खेती किसानी करता था। मंगलवार की शाम उसे खेत पर सांप ने डंस लिया। वक्त रहते सही इलाज मिलने पर नारायण की जान बचाई जा सकती थी लेकिन परिजन उसे अस्पताल न ले जाकर पास के गांव के एक नागबाबा के पास ले गए। जहां करीब दो घंटे तक अंधविश्वास के चलते नारायण को हर्बल धूप सुंघाते रहे। बाबा फर्जी मंत्रों का जाप करता रहा था लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी नारायण की तबीयत में सुधार नहीं हुआ उल्टे तबीयत बिगड़ने लगी। इसके बाद परिजन नारायण को रात करीब 8 बजे भोपाल के नेशनल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे जहां से उसे हमीदिया रेफर कर दिया गया । हमीदिया में रात करीब 10 बजे इलाज के दौरान नारायण की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि नारायण की शादी साल 2016 में हुई थी और उसका एक दो साल का बेटा भी है।
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अंधविश्वास के चलते पीएम कराने से इंकार
अंधविश्वास में जकड़े नारायण के परिजन बेटे की जान जाने के बाद भी उसका पोस्टमार्टम न कराने की बात कहते रहे। उनका कहना था कि नागबाबा उनके बेटे नारायण को फिर से जीवित कर देंगे इसलिए वो बेटे को उनके पास लेकर जाएंगे। हालांकि डॉक्टरों और पुलिस की काफी देर की समझाईश के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हो गए। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर वक्त रहते नारायण को अस्पताल लाया जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।