प्रतिस्पर्धा समाज को एक नया आयाम नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि आज के समय में युवाओं को अपना लक्ष्य केंद्रित कर अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाना होगा, विवेकानंद ने भी यही किया था। इस मौके पर युवाओं ने भी इस विषय पर पैनल डिस्कशन में अपने विचार रखे। पैनल में मैनिट से आकाश जायसवाल, ओरिएंटल कॉलेज से नेहा और नूतन कॉलेज की छात्रा कोपल ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं उनके जीवन दर्शन पर विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में बीयू के कुलपति प्रो. डीसी गुप्ता, शुभम चौहान सहित कई लोग मौजूद रहे। स्वामी सुप्रदीप्तानंद ने आगे कहा कि युवा हमेशा अपनी समस्याओं का समाधान दूसरे से चाहता है, जबकि वह स्वयं से संवाद स्थापित कर उस समस्या को खत्म कर सकता है। हम जिज्ञासाओं के आधार पर ही हम एक अच्छे विमर्श की शुरुआत कर सकते हैं। जब तक कोई भी छात्र या प्रतिभा जिज्ञासु नहीं होगी वे चिंतन परंपरा एवं विमर्श को आगे नहीं बढ़ा सकती। विवेकानंद ने भी यही कार्य किया।
सोशल मीडिया की बजाए तीन घंटे धार्मिक ग्रंथों को दे तो समाज की बुराई खत्म हो जाएगी ।
इधर, शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय में दो दिवसीय युवा उत्सव का आयोजन हुआ। आयोजन के दूसरे दिन कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिनमें एकल गायन, समूह गायन, वाद विवाद एवं हास्य नाटिका आदि विधाओं के प्रतिभागियों ने सहभागिता की। एकल गायन में कामाक्षी राजोरिया द्वारा भूमरो भूमरो गीत की प्रस्तुति दी गई जो आकर्षण का केंद्र रहा। इसके पश्चात आयोजित वाद विवाद प्रतियोगिता में 16 छात्रों ने सहभागिता की।