भोपाल

युवाओं में पढ़ाई के साथ कुछ अलग करने का जुनून..

– सरकारी अस्पतालों के परिसर में रुकने वाले गरीब मरीजों के परिजनों को रोज शाम को रोटियां बांटते हैं युवा

भोपालSep 22, 2018 / 09:19 am

Rohit verma

Young people eating the hungry

भोपाल. युवाओं में पढ़ाई के साथ ही समाज सेवा के लिए कुछ अलग करने का जुनून है। बेनजीर कॉलेज के तीन युवा विवेक श्रीवास, रचित मालवीय और अमित पटारिया है, जिन्होंने शहर में रोटी बैंक शुरू किया है। रोटी बैंक लिखा एक स्टील का डिब्बा विभिन्न संस्थाओं में सुबह 8 बजे रख देते हैं। शाम 4 बजे तक इस बैंक में एकत्र रोटियों को ले जाकर सरकारी अस्पतालों के परिसरों में रुकने वाले गरीब मरीजों के परिजनों को बांट देते हैं।
विवेक ने बताया कि दो महीने पहले बेनजीर कॉलेज में दोस्तों के साथ बैठा था, तब दिमाग में आइडिया आया। मेरा साथ देने रचित और अमित भी तैयार हो गए। इसके बाद हमने यहां डिब्बा रखा, जिसमें रोजाना करीब 200 रोटियां कलेक्ट हो रही हंै। मुहिम को आगे बढ़ाते हुए हमने तीन दिन पहले ही सेंट्रल लाइब्रेरी में भी डिब्बा रखा। फिलहाल यहां भी प्रतिदिन 50 से 60 रोटियां कलेक्ट हो रही है। इस तरह शाम को दोनों डिब्बों से करीब 300 रोटियां कलेक्ट कर हमीदिया और सुल्तानिया पहुंचकर गरीब मरीजों के परिजनों को बांट देते हैं, जो खाना खरीदकर नहीं खा सकते। बेनजीर कॉलेज में स्टूडेंट और टीचिंग स्टॉफ घरों से एक-एक रोटी लाकर अपनी सहभागिता निभा रहे हैं।
कई संस्थानों को जोड़ेंगे मिशन से
विवेक के अनुसार रोटी बैंक मिशन से कई संस्थाओं को जोड़ेंगे। इसके लिए संस्था प्रमुखों से अनुमति लेकर डिब्बे रखवाएंगे। शाम 4 बजे के बाद इन डिब्बों में भरी रोटियों को एकत्र कर अस्पतालों में गरीबों को बंटवा देंगे।
 

युवाओं के मिशन में करें मदद
सेंट्रल लाइब्रेरी की प्रभारी वंदना शर्मा इस कार्य में काफी रुचि ले रही हैं। वंदना ने बताया कि कॉलेज के ये तीनों स्टूडेंट्स मेरे लाइब्रेरी में बैंक शुरू करने की मंशा जाहिर की थी, मैंने इसके लिए तुरंत हामी भर दी। लाइब्रेरी में रोजाना 100 से अधिक स्टूडेंस, महिलाएं और बुजुर्ग पढऩे आते हैं। इसलिए बैंक में रोटियों की संख्या भी बढऩे लगेगी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि रोटी बैंक मिशन को सभी आगे बढ़ाएं।
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