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ये ATM कार्ड कल से नहीं करेंगे काम! जानिये किन कार्ड धारकों पर पड़ेगा असर

locationभोपालPublished: Oct 15, 2018 06:11:58 pm

मास्‍टर-वीजा कार्ड और अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड यूजर के अलावा एसबीआई ग्राहकों के लिए भी होने जा रहे हैं ये बड़े बदलाव…

plastic money

ये ATM कार्ड कल से नहीं करेंगे काम! जानिये किन कार्ड धारकों पर पड़ेगा असर

भोपाल। बैंकिंग सेक्टर में लगातार हो रहे अपडेशनों के बाद अब फिर एक समस्या मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश व देश में रहने वाले कई लोगों के सामने खड़ी होने जा रही है। इसके तहत यदि आपके पास वीजा, मास्‍टर कार्ड और अमेरिकन एक्‍सप्रेस का डेबिट या क्रेडिट एटीएम (ATM) कार्ड है, तो यह 15 अक्‍टूबर के बाद काम करना बंद कर सकता है।
इसका कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के उस नियम को बताया जा रहा है जिसके तहत यूजर्स का डाटा विशेष रूप से भारत में ही स्टोर करने को अनिवार्य बनाया जा रहा है, लेकिन वीजा और मास्‍टरकार्ड समेत 16 पेमेंट कंपनियां इसे नहीं मान रहीं हैं। उनका तर्क है कि लोकल डाटा स्‍टोरेज से उनका लागत खर्च काफी बढ़ जाएगा।
वही इस सूचना के सामने आते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोग सकते में आ गए हैं। उनका कहना है कि यदि हमारे कार्ड बंद हो जाएंगे तो पैसा निकालने के लिए एक बार फिर परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इस संबंध में फाइनेंस के जानकार मनोज गोयल की माने तो ऐसी स्थिति आने पर बैंकों में पुन: पैसा निकालने के लिए कतारें देखने को मिल सकती हैं।
मेरा एटीएम मास्टर कार्ड का है, यदि इसे बंद ही करना था तो मुझे देना ही गलत है। यह तो बैंक की गलती है। इसका मैं क्यों भुगतान करुं। और यदि ये बंद होता है तो एक बार फिर परेशानी खड़ी हो जाएगी।
– मुकेश गोयल, दुकानदार

मेरे पास वीजा का डेबिट है, जो मुझे बैंक द्वारा दिया गया है। यदि ये बंद होता है तो कई जगह परेशानियां खड़ी हो जाएंगी। क्योंकि न तो बैंको में वो पूराना स्टाफ बचा है। और न ही पैसा लेनदेन के लिए उनके पास कोई खास लोग। ऐसा करने से बैंकों में भीड़ बढ़ेगी और इसकी सीधे परेशानी आम जनता के साथ ही बैंकों को भी उठानी पड़ेगी।
– राजेश शर्मा, कर्मचारी निजी कंपनी
मेरा क्रेडिट कार्ड मास्टर कार्ड है। यदि ये बंद किया जाता है। तो ये हमारे लिए काफी परेशान करने वाला होगा। हम क्रेडिट कार्ड से पेमेंट नहीं कर पाएंगे तो ऐसे में वापस पेपर मनी पर आना पड़ेगा। वहीं इससे प्लास्टिक मनी व डिजीटल पेमेंट के केंद्र सरकार की कोशिशों को तगड़ा झटका लगेगा
– आरएस परिहार, कर्मचारी निजी संस्थान
मेरे पास तो डेबिट व क्रेडिट दोनों ही कार्ड मास्टर कार्ड हैं, यदि ये बंद होते हैं तो मैं कैश ट्रांजेक्शन पर आउंगा। और ऐसा मैं अकेला नहीं हूं, जिस कारण बैंकों में भीड़ बढ़ेगी। लेकिन अब बैंकों में पहले के बराबर स्टाफ तो है नहीं। एटीएम जैसी सुविधाएं आने के बाद बैंकों ने स्टाफ में काफी कटौती कर दी है। जिस कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर हमें ही नहीं बैंकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
– राजेश आर्या, इंजीनियर


वहीं SBI की ये सुविधा भी 1 दिसंबर से हो जाएगी बंद!…
वहीं इसके अलावा एक ओर परेशानी से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों को सामना करना पड़ सकता है। दरअसल नेट बैंकिंग की सुविधा से काफी काम आसान हो जाते हैं, लेकिन यदि आपका स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में खाता है और आपका मोबाइल नंबर बैंक खाते से रजिस्टर नहीं है, तो नेट बैंकिंग की सुविधा आपके के लिए ब्लॉक कर दी जाएगी।
इस संबंध में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों को जानकारी देते हुए बताया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया खाताधारक अगर नेट बैंकिंग की सुविधा हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें 1 दिसंबर 2018 तक अपने अकाउंट से मोबाइल नंबर रजिस्टर कराना अनिवार्य है।
ऐसा नहीं होने पर नेट बैंकिंग की सेवा उन लोगों के लिए रोक दी जाएगी, जिनका मोबाइल नंबर बैंक खाते के साथ रजिस्टर नहीं है। खाताधारक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में जाकर अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करना सकते हैं।
ATM कार्ड मामला, ऐसे समझें पूरी बात…
62 कंपनियों ने नियम को माना :- बताया जाता है कि आरबीआई के नियम के तहत हर पेमेंट कंपनी को पेमेंट सिस्‍टम से जुड़े डाटा का लोकल स्‍टोरेज करना अनिवार्य है, जो 16 अक्‍टूबर से प्रभावी हो जाएगा। भारत में ऐसी 78 पेमेंट कंपनियां काम कर रही हैं, जिनमें से 62 पेमेंट कंपनियों ने आरबीआई के नियम को मान लिया है। इनमें अमेजन, व्‍हाट्सऐप और अलीबाबा जैसी ई- कॉमर्स कंपनियां भी शामिल हैं।
समय देने के मूड में नहीं आरबीआई:- सामने आ रही जानकारी के अनुसार जिन 16 कंपनियों ने आरबीआई के नियम को नहीं माना है, उनका कहना है कि भारत में डाटा स्‍टोरेज सिस्‍टम से न सिर्फ उनका लागत खर्च बढ़ेगा बल्कि डाटा की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े होंगे।
उन्‍होंने आरबीआई से इस समयसीमा को और बढ़ाने की मांग की है। इसके अलावा बड़ी और विदेशी पेमेंट कंपनियों ने वित्‍त मंत्रालय से इस मामले में हस्‍तक्षेप करने को भी कहा है। वहीं कहा जा रहा है कि आरबीआई इन कंपनियों को और समय देने के मूड में नहीं है, इसका कारण इन कंपनियों को पहले ही 6 माह का समय दिया जाना बताया जाता है।
अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ेगा असर!…
वहीं अर्थव्यवस्था के कई जानकारों का कहना है कि डाटा लोकलाइजेशन अनिवार्य किए जाने से देश की आर्थिक विकास दर पर असर पड़ सकता है, इसलिए सरकार को इसमें उदारता का रुख दिखाना चाहिए। साथ ही कई जानकारों का यह भी मत है कि डाटा लोकलाइजेशन से लागत का बोझ बढ़ जाएगा, जिससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
इधर, 31 अक्टूबर से बदल जाएगा यह नियम!…
अगर आपका भी देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में खाता है तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। बैंक की तरफ से लिए गए एक बड़े निर्णय में ट्रांजेक्शन की सीमा घटा दी गई है।
नए नियम के अनुसार अब आप एक दिन में अधिकतम 20 हजार रुपये ही निकाल सकेंगे। मौजूदा समय में एसबीआई के एटीएम से आप एक दिन में 40 हजार रुपये तक निकाल सकते हैं, यानी आप अगर 30 अक्‍टूबर तक पैसे निकालना चाहते हैं तो 40 हजार रुपये निकाल सकते हैं। एसबीआई की तरफ से इस बारे में अपनी सभी शाखाओं को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
इसलिए लिया गया यह फैसला
एसबीआई की तरफ से देशभर की ब्रांच में भेजे गए निर्देश में कहा गया है ‘बैंकों को एटीएम ट्रांजेक्शन में होने वाली धोखाधड़ी की मिलने वाली शिकायतों को देखते हुए डिजिटल-कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के मकसद से नगदी निकासी की सीमा को घटाने का निर्णय लिया गया है। क्लासिक और मेस्ट्रो प्लेटफॉर्म पर जारी किए डेबिट कार्ड से भी निकासी सीमा को घटाया गया है।’
डेबिट कार्ड से ऐसे होती है धोखाधड़ी
पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि एटीएम मशीन के आसपास कैमरे लगाकर ग्राहकों का पिन चुराकर फ्रॉड करने वाले कार्ड का क्‍लोन तैयार कर लेते हैं। दुकानों पर लगे स्‍वाइप मशीन के जरिये भी कुछ लोग कार्ड का क्‍लोन तैयार कर डेबिट-क्रेडिट कार्डधारकों को चूना लगाया करते हैं।
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