पांच गर्भवती महिलाओं में भी जीका कावायरस
शनिवार को 30 मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से पांच गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। एक साथ इतनी गर्भवती महिलाओं में जीका के लक्षण मिलने से स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप की स्थिती है। विभाग ने अस्पतालों से कहा कि वे महिलाओं पर विशेष नजर रखे। उनकी सोनोग्राफी कर आवश्यक परामर्श दिया जा रहा है।
जीका वायरस के लक्षण?
जीका वायरस से संक्रमित कई लोग खुद को बीमार महसूस नहीं करते। इसके आम लक्षण डेंगू बुखार की ही तरह होते हैं, जैसे थकान, बुखार, लाल आंखे, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और शरीर पर लाल चकत्ते। इससे बचने
का एकमात्र उपाय है मच्छरों से बचाव।
जीका को लेकर जो डर फैलाया जा रहा है वो गलत है। जीका डेंगू से भी सामान्य बुखार है जो सामान्य दवाओं जैसे पेरासीटामॉल से ही ठीक हो जाता है। कई बार यह बिना दवाओं के ही ठीक हो जाता है। बड़ी बात यह है अब तक जीका से किसी मरीज की मौत नहीं हुई। जिन भी मरीजों की मौत जीका से बताई जा रही है वो असल में डेंगू या जैपनीज इंसेफ्लाइटिस से हो सकती हैं। हालांकि जीका वायरस सिर्फ गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशु के लिए ही परेशानियां खड़ी करता है, लेकिन तमाम शोध में यह साबित हुआ है कि भारत में जीका का जो वायरस एक्टिव है वो गर्भवती महिलाओं पर ज्यादा असर नहीं करता। किसी व्यक्ति कंजेक्टिवाइटिस है तो उसे जीका हो सकता है। वह डॉक्टर से मिले और दवाएं लें, एक सप्ताह में ठीक हो जाएगा।
डॉ.़ अनूप हजेला, वरिष्ठ चिकित्सक