– लार्वा मिलने पर नगर निगम को मकान मालिक पर 200 से 5 हजार रुपए तक जुर्माने का अधिकार है, लेकिन जुर्माना तब किया जाता है जब हर दिन 5 से ज्यादा मरीज आने लगते हैं।
– बार- बार मौसम बदलने मच्छर पनपने को मौका मिला है।
लार्वा नष्ट करने के लिए यह करें
– कूलर, गमला, चिडिय़ों के बर्तन टंकियों का पानी हर हफ्ते बदलें।
– पानी के कंटेनरों में कीड़े की तरह तैरते हुए लार्वा दिखें तो उन्हें मारने के लिए सरसो का तेल डालें या फि र छानकर सूखी जगह पर फेंके।
19 नवंबर को लार्वा सर्वे की स्थिति
सर्वे किए गए घर 5602
कितने घरों में लार्वा मिला 197
कितने बर्तनों में लार्वा सर्वे किया गया 36914
कितने बर्तनों में लार्वा मिला 239
बीते एक सप्ताह की स्थिति
तारीख – घरों में मिला लार्वा
18 नवंबर – 197
17 नवंबर – 204
16 नवंबर – 210
15 नवंबर – 205
14 नवंबर – 208
13 नवंबर – 206
12 नवंबर – 271
भोपाल. पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से आने वाली जीका रिपोर्ट सोमवार को भी नहीं मिली। इसके साथ ही मप्र में जीका का कौन सा वायरस है इसे जानने में अभी और इंतजार करना होगा। स्वास्थ्य विभाग के संचालक डॉ. बीएन चौहान ने बताया कि सभी रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। इस आधार पर ही आगे की ट्रीटमेंट लाइन तैयार की जाएगी। गौरतलब है कि मप्र में जीका का कौन सा सीरोटाइप है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इसके लिए मप्र से सैंपल पुणे भेजे गए हैं। अभी कयास लगाए जा रहे हैं कि मप्र में सक्रिय वायरस राजस्थान जैसे हो सकते हैं जो कि घातक नहीं है। इधर सोमवार को एम्स भोपाल से जीका के 19 सैंपलों की रिपोर्ट जारी की गई। इनमें से 14 सैंपल भोपाल और 5 सीहोर के थे। विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. अजय बरोनिया ने बताया कि अच्छी बात यह है कि सभी सैंपल नेगेटिव आए हैं।
इधर, मच्छरदानियों को लेकर विभाग का कहना है कि केन्द्र सरकार से प्रदेश के जिलों के लिए 94 लाख मच्छरदानी आनी है। इसकी डिलेवरी 24 अक्टूबर से शुरू हुई है। अधिकारियों का कहना है कि यह मच्छरदानियां मेडिकेटेड हैं इसलिए इनके पांच सैंपल जांच के लिए विभिन्न लैब में भेजे गए हैं। वहां से ओके रिपोर्ट आने के बाद ही इन्हें अस्पतालों में बांटा जाएगा।