हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। लेकिन गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग में एक उच्च स्तरीय बैठक में इस बात के संकेत मिले हैं कि शहर में जीका वायरस प्रवेश कर चुका है। बैठक में इसको लेकर मंथन हुआ। इसको लेकर अधिकारियों ने सभी अस्पतालों और सीएमएचओ को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जीका एक जानलेवा बीमारी है। एंटेमोलोजिस्ट (कीटविज्ञानी) की टीम अब यह पता करने में जुटी है कि इस बीमारी के मरीज मप्र में कैसे मिले। इन मरीजों का दूसरे राज्यों में यात्रा करने का भी ब्यौरा लिया गया है। प्रभावित मरीजों के घरों में एंटी लार्वा की टीम ने दवाओं का छिड़काव कर लार्वा सर्वे किया है। बता दें कि प्रदेश के अन्य जिलों में इसके पहले भी इस बीमारी के मरीज मिल चुके हैं।
निजी अस्पतालों को भी किया अलर्ट जीका वायरस के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों को अलर्ट रहने का भी निर्देश जारी किया है। गुरुवार को सभी अस्पतालों को लेटर जारी कर किसी मरीज में जीका वायरस के लक्षण मिलने पर सूचना देने के निर्देश दिए हैं। सरकारी के साथ निजी अस्पतालों को भी मरीजों के सैंपल लेकर जांच के लिए आईडीएसपी शाखा भेजना होगा। जिससे समय रहते इलाज कराया जा सके।
इधर, आधी रात गुल हुई एम्स की बिजली, लिफ्ट में फंसे मरीज भोपाल. एम्स में बुधवार गुरुवार की दरमियानी रात को बिजली गुल हो गई इससे पूरे एम्स में अंधेरा छा गया। करीब आधे घंटे तक बिजली गुल रही । अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार रात करीब 12.30 बजे एम्स की बिजली गुल हो गई और वार्डों में अंधेरा छा गया इससे पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी फैल गई। एम्स प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था करने की कोशिश की लेकिन इसमें भी करीब एक घंटा लग गया इस दौरान वार्डों में अंधेरा छाया रहा हालांकि गनीमत यह रही कि इस समय कोई ऑपरेशन नहीं चल रहा था वरना उस में दिक्कत हो सकती थी।