Coronavirus के खिलाफ जंग की तैयारी, ओडिशा के 5 जिलों और 9 शहरों में लॉक डाउन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (5 Districts And 9 Cities Lockdown In Odisha Till 29 March) ने...

(भुवनेश्वर): कोरोना वायरस को हराने के लिए जनता कर्फ्यू में अभूतपूर्व बंदी दिखाकर ओडिशा देश के लिए नया उदाहरण बनकर उभरा। राज्य के सभी 30 जिलों में लोग स्वतः ही घर पर रहें। शायद ही किसी ने घर के बाहर निकाला हो। पूर्वोत्तर रेलवे की 48 एक्सप्रेस और 93 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। राज्य की सड़कों पर चलने वाली 14 हजार प्राइवेट बसों का चक्काजाम रहा। यहां के चौराहों पर हालांकि पुलिस बल तैनात था पर लोगों को जबरन रोकने को नहीं बल्कि कोरोना वायरस के प्रभाव समझाने और उसे समाप्त करने में सहयोग मांगने के लिए था। आवश्यक वस्तुओं तक की दुकानें बंद मिलीं। यह बंदी कोरोना का भय और सरकार की मुस्तैदी के कारण बताई जाती है। भुवनेश्वर और कटक में बंदी सफल कराने में कमिश्नरेट पुलिस सक्रिय दिखी। जरूरतमंदों को पुलिस ने पास भी दिए।
इन जगहों पर लॉक डाउन...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पांच जिलों और नौ शहरों में 22 मार्च से सुबह सात बजे से 29 मार्च रात नौ बजे तक लॉक डाउन की घोषणा की। इस दौरान आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त समस्त राजकीय एवं निजी कार्यालय, मॉल्स, दुकानें, फैक्टरियां एवं सार्वजनिक परिवहन आदि बंद रहेंगे। लॉक डाउन वाले जिले खोरदा, गंजाम, कटक, केंद्रपाड़ा, अनुगुल हैं तथा नौ शहरों में संबलपुर, झारसुगुडा, ब्रजराजनगर, बालासोर, राउरकेला, भद्रक, पुरी, जाजपुर रोड, जाजपुर टाउन हैं। मुख्यमंत्री पटनायक द्वारा लॉक डाउन घोषित किए जाने से 29 मार्च तक बसें नहीं चलेंगी। लॉक डाउन का उल्लंघन करने वाले खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी बात कही गयी। लॉक डाउन के दौरान केवल बस, ट्रेन, विमान सेवा के साथ खाद्य सामग्री की दुकानें, सब्जी, फल, अंडे, मांस, मछली, चिकन, पेट्रोल पंप, दवाई की दुकाने आदि खुली रहेंगी। लॉक डाउन वाले इलाकों में बैंक, एटीएम, म्युनिसिपल्टी सेवा, पुलिस, दमकल वाहिनी सेवा, ओड्राफ, पेयजल एवं बिजली सेवा आदि जारी रहेगी। प्रशासनिक कार्यालय भी खुले रहेंगे।
जनता कर्फ्यू को मिला अपार समर्थन

ओडिशा में जनता कर्फ्यू की सफलता से लोगों को कोरोना वायरस की गंभीरता और इससे लड़ने को लेकर आत्मसंयम बरतने की हिम्मत मिली। राजधानी भुवनेश्वर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। सभी छोटी बड़ी दुकानें बंद रहीं। सभी प्रमुख चौराहों व सड़कों पर सुरक्षा बल तैनात थे। सुरक्षा जवान बाहर दिखने वालों से जोर जबर्दस्ती न करके समझाबुझाकर उन्हें उनके घरों को लौटने को कह रहे थे। इस बंद को मिले जनता का भरपूर समर्थन से लगा कोरोना वायरस के खात्मे को लेकर जनता मन बना चुकी है। भुवनेश्वर की आबादी लगभग 12 लाख बताई जाती है। लोगों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है। जरूरत की सभी चीजें कल ही शनिवार को जुटा ली थी।
प्रशासन और पुलिस की गाड़ियां तो सुबह से गश्त करती रही। भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन, मास्टर कैंटीन पर भी सन्नाटा रहा। हां, बाहर से आए लोग जनता कर्फ्यू के कारण अपने घरों को नहीं जा सके। ये इक्कादुक्का लोग चौराहों पर और स्टेशन के पास देखे गए। आने वालों में ज्यादातर लोग गुजरात, आंध्र, छत्तीसगढ़, बिहार, तेलंगाना, महाराष्ट्र के बताए जाते हैं। पूर्वोत्तर रेलवे की 48 एक्सप्रेस और 93 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द किए जाने से और सन्नाटा फैल गया था। बस मालिकों की एसोसिएशन के समर्थन के कारण 14 हजार बसें सड़कों पर नहीं उतरीं।
रविवार से शुरू हुए लॉक डाउन से पहले मुख्यमंत्री पटनायक ने जनता से कर्फ्यू का समर्थन करने की अपील की थी। अनुपालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही थी। इसी सख्ती का असर था कि जनता कर्फ्यू सफल रहा। लोग खुद ही नहीं निकले।
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