ग्रामीण क्षेत्र के हालत और भी बदतर है। कटक और जगतसिंहपुर के किसानों ने सुविधाओं की शीघ्र बहाली की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। उधर फानी के कारण हुई क्षति का आंकलन करने को नौ सदस्यीय केंद्रीय दल ओडिशा पहुंच गया। टीम ने भुवनेश्वर में बैठक के बाद आज पुरी का दौरा किया।
तीन मई को फानी पुरी समुद्र तट से टकराया था। इससे ओडिशा के तटीय क्षेत्रों का बड़ा नुकसान किया। यूं तो 14 जिलों पर इसका असर दिखायी दिया पर पुरी खोरदा, कटक सर्वाधिक प्रभावित रहा। जगतसिंहपुर, भद्रक, बालासोर होता हुआ चक्रवात पश्चिम बंगाल पहुंचा। इसकी गति कम होती गयी।
केंद्रीय दल का नेतृत्व गृह मंत्रालय के अपर सचिव विवेक भारद्वाज कर रहे हैं। भारद्वाज ने प्रभावित जिलों का दौरा करने से पहले आज ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त विष्णुपद सेठी से बातचीत की। सेठी ने क्षति की एक रिपोर्ट केंद्रीय दल को सौंपी। ओडिशा में प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद यह दल केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा।
14 लाख पेड़ उखड़ गए
नारियल और आम आदि के 14 लाख पेड़ों को फानी के प्रकोप ने जड़ से उखाड़ फेंका है। चक्रवात ने तटीय क्षेत्रों की कृषि भूमि की फसल नष्ट कर दी। प्रारंभिक आंकलन के अनुसार तीस प्रतिशत फसल चौपट हो गयी। राज्य के 14 जिलों की एक लाख हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है। सभी 60 सेटेलाइट फोन डेड पड़े हैं। इसके चलते तटीय क्षेत्र की संचार व्यवस्था बीती तीन मई से बुरी तरह प्रभावित हुई है। सभी तीस जिलों के डिजास्टर कंट्रोल यूनिट के फोन शोपीस बन गए हैं।
फानी लील गया 64 जिंदगियां
चक्रवाती तूफान फानी 64 जिंदगियां लील गया। स्टेट इमरजेंसी आपरेशन सेंटर के अनुसार जिन 64 लोगों की मौत हुई है उनमें 39 मौतें सिर्फ पुरी में हुई हैं। बाकी 9 मौतें खोरदा, 6 कटक और 4 मयूरभंज तथा 3-3 क्रमशः केंद्रपाड़ा और जाजपुर जिले में हुईं। रिपोर्ट के अनुसार 20 तो पेड़ व बिजली के खंभे के नीचे दबकर मर गये। और 25 लोगों की मौत दीवार गिरने से हुई। छत और एजबेस्टेस शीट के नीचे दबकर 6 की मौत हो गयी। बाकी 13 की मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक करोड़ 65 लाख 30 हजार 900 लोग फानी के प्रकोप से प्रभावित हुए।
मुख्यमंत्री की अपील
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से मुख्यमंत्री राहत कोष में सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि चक्रवात ने राज्य को भारी क्षति पहुंचायी है पर हमारी सहयोग की भावना बरकरार है। ओडिशा के पुनर्निर्माण की आवश्यकता है। जानकारी मिली है कि दानदाताओं की संख्या बढ़ रही है। राहत और पुनर्वासन के लिए 40 गैर सरकारी संगठनों की सक्रियता प्रभावित जिलों में देखी जा सकती है। ओडिशा माइंस कारपोरेशन ने 100 करोड़ रुपया सीएम राहत कोष में दिया है। एशिया हार्ट इंस्टीट्यूट ने 1.5 करोड़ रुपया दिया है। अडानी की कंपनी ने 25 करोड़ दिया। पटनायक ने बेघरों को पक्का घर देने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि 15 मई से घरगिरी का आंकलन करके पक्का घर बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। आंकलन की अवधि एक हफ्ता होगी।