बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निदेशक सुरेश चंद्र होता का कहना है कि उन्हें इस विषय पर कोई सूचना नहीं है। बिना अनुमति के यदि कोई उड़ान है भी तो जांच पड़ताल एयरपोर्ट अथारिटी के महानिदेशक के आदेश पर ही संभव है। दरअसल केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ओडिशा में पर्यटन विकास के लिहाज सी-प्लेन की उड़ानों की स्वीकृति दी थी। बाद में ईकोलॉजी के द्रष्टिगत राज्य सरकार के दबाव में केंद्र ने इसे निरस्त कर दिया। सी-प्लेन की उड़ान चिलिका, गोपालपुर, बालासोर व हीराकुड (संबलपुर) के इर्दगिर्द होना तय हुआ था।
जानकारी के अनुसार चिलिका झील में जैसे ही सी-प्लेन के इंजन की आवाज गूंजी तो झील व आसपास पक्षियों और मछलियों में हलचल सी होने लगी। बताते हैं कि कुछ पल बाद ही सी-प्लेन उड़ गया। समझा जाता है कि जिस कंपनी को सी-प्लेन का काम दिए जाने पर विचार किया जा रहा था यह उसी का सी-प्लेन हो सकता है। या फिर भूलवश कोई सी-प्लेन आ गया होगा। इस बाबत सही जानकारी नहीं मिल सकी।
एयरपोर्ट निदेशक ने महानिदेशक के दिल्ली आफिस को जानकारी दे दी है। अराखुदा और साना पटना गांवके लोगों का दावा है कि प्लेन उन्होंने देखा है। चिलिका के मछुआरे भी हैरत में आ गए। स्थानीय पुलिस और प्रशासन भी उड़ान के पीछे का मंतव्य नहीं बता सके। करीब डेढ़ बजे सी-प्लेन लैंड किया था। काफी नीचे आने के बाद फिर लौट गया। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि पांच मिनट तक झील में तैरता रहा फिर उड़ गया।