मीडिया में रिपोर्ट आई थी कि चिलिका में सी-प्लेन ने दोपहर को लैडिंग की। इस खबर को लेकर सनसनी फैल गई। पर्यटन विकस के लिहाज से पहले सी-प्लेन की लैडिंग आदि के लिए चिलिका, गोपालपुर, बालासोर व संबलपुर का चयन किया गया था। पर ईकोलॉजी सिस्टम बिगड़ने के अंदेशा के चलते राज्य सरकार ने कड़ा विरोध किया। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यह प्रोजेक्ट रद्द कर दिया था। शनिवार को सी-प्लेन की चिलिका के ऊपर से उड़ान भरते हुए लैंडिंग करने की खबर से हड़कंप मच गया। चिलिका नो फ्लाइंग ईको सेंसिटिव जोन घोषित है। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में चिलिका में उड़ान को अवैध बताया गया। इस वाइल्ड लाइफ और ह्यूमन लाइफ को खतरा बताया गया। चिलिका विकास प्राधिकरण के सहायक वन सरंक्षक की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक सफेद कलर का चॉपर 15 सितंबर को डेढ़ बजे के करीब देखा गया। बहुत तेज आवाज के इंजन के कारण पशु पंछियों और लोगों में भय सा व्याप्त हो गया। इस चॉपर ने गांव के पास अरखुडा में लैंडिंग की भी कोशिश की। स्थानीय लोग और पर्यटक भयभीत हो गए।
पूर्व सांसद बैजयंत पंडा ने ट्वीट करके अपनी सफाई में कहा कि शनिवार को उन्होंने हेलीकॉप्टर चिलिका के ऊपर से उड़ाया था। समय 8.45 बजे सुबह का था। यह राजहंस,पुरी, कोर्णाक होते हुए केंद्रपाड़ा में लैंड किया। मीडिया की रिपोर्ट से मुझे पता चला कि सी-प्लेन उड़ाया गया और समय 1.45 दोपहर का लिखा गया। राज्य सरकार के अधिकारी उन्हें जानबूझकर तंग कर रहे हैं। हेलीकाप्टर में पंडा और उनके दो मित्र बैठे थे जिन्हें हेलीकाप्टर से चिलिका दिखाने ले गए थे।