सूत्रों ने बताया कि यह हर मौसम में, हर क्षेत्र में अत्यधिक सटीक और सहयोगी तरकीबी हथियार प्रणाली है। उन्होंने बताया कि यह ठोस ईंधन से लैस कम दूरी वाली मिसाइल है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिशन सफल होने पर डीआरडीओ, सेना, उद्योगों और टीम के अन्य सदस्यों को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि ‘स्वदेश में विकसित ‘प्रहार’ हमारी रक्षा क्षमताओं को और बढ़ाएगा। परीक्षण के दौरान सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत और डीआरडीओ अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी मौजूद रहे। ओडिशा के चांदीपुर समुद्र तट से प्रहार का गुरूवार को सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मिसाइल के परीक्षण से पहले चांदीपुर स्थित लॉंन्च पैड संख्या तीन की दो किलोमीटर की परिधि में रहने वाले पांच गांवों के 4,494 लोगों को अस्थायी तौर पर वहां से हटाया गया। परीक्षण के शीघ्र बाद आईटीआर अधिकारियों से इजाजत मिलने पर वे अपने घरों में लौट आए। प्रशासनिक महकमे ने गांव वालों को भी मिसाइल परीक्षण की सफलता पर बधायी दी।
इन मिसाइलों का चांदीपुर में हुआ सफल परीक्षण
कम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल-पृथ्वी-1, पृथ्वी-2, पृथ्वी-3 व प्रहार। मध्यम दूरी की मिसाइल-अग्नि-1 सात सौ किमी तक मार करने वाली यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है। अग्नि-2 एक टन पेलोड ले जाने में सक्षम। इंटरमीडिएट दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल-अग्नि-3 यह 35 सौ से 5 हजार किमी. की दूरी तक मारक क्षमता, अग्नि-4 मिसाइल। अंतरमहाद्विपीय दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल-अग्नि-5, अग्नि-6 (विकसित की जा रही है)। पनडुब्बी प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल-के-15 सागरिका मिसाइल, के-4 एसएलबीएम, के-5।
सूत्रों की मानें तो एसएलबीएम को विकसित किया जा रहा है। सामरिक मिसाइल- शौर्य, यह सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल है। फिर प्रहार का नंबर आता है। क्रूज मिसाइल-ब्रम्होस, ब्रह्मोस-2, निर्भय। शिप लांच मिसाइल-धनुष। टैंकबेधी मिसाइल-नाग, अमोघ मिसाइल। सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल- आकाश, त्रिशूल। मध्यम दूरी की मिसाइल- बराक-8 मिसाइल। हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल-अस्त्र। सूत्र बताते हैं कि हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल एंटी रेडिएशन पर काम चल रहा है।