केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बीजेडी का यह रुख
भुवनेश्वरPublished: Aug 08, 2023 05:25:14 pm
विपक्ष की ओर से भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आखिरकार बहस शुरू हो गई है। बीच बीच में शोर शराबे के दौरान लोकसभा में मणिपुर मुद्दा, दिल्ली सेवा बिल समेत कई मुद्दों पर चर्चा पर बहस जारी है। चर्चा 10 अगस्त तक जारी रहने की संभावना है। चर्चा के दौरान और हंगामा और नोंकझोंक के भी आसार हैं। इस बीच अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ओडिशा के सत्तारूढ़ दल बीजेडी ने अपना रुख साफ कर दिया है।


केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बीजेडी का यह रुख
पार्टी सांसद ने चर्चा में भाग लेते हुए यह कही बड़ी बात
भुवनेश्वर/नई दिल्ली. विपक्ष की ओर से भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर आखिरकार बहस शुरू हो गई है। बीच बीच में शोर शराबे के दौरान लोकसभा में मणिपुर मुद्दा, दिल्ली सेवा बिल समेत कई मुद्दों पर चर्चा पर बहस जारी है। चर्चा 10 अगस्त तक जारी रहने की संभावना है। चर्चा के दौरान और हंगामा और नोंकझोंक के भी आसार हैं। इस बीच अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान ओडिशा के सत्तारूढ़ दल बीजेडी ने अपना रुख साफ कर दिया है। पार्टी सांसद पिनाकी मिश्रा ने बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि मैं केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकता। भले ही हम एक राजनीतिक दल के रूप में भाजपा के खिलाफ हैं। पर मैं केंद्र सरकार की ओर से ओडिशा के लिए किए गए कई कामों के लिए आभारी हूं। इसीलिए किसी भी स्थिति में मैं कांग्रेस पार्टी की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए अपनी पार्टी और नेता की ओर से खुद को मनाने में असमर्थ हूं।
--
यह किया दावा
सांसद पिनाकी मिश्रा ने कहा कि उन्हें कोई संदेह नहीं है कि मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया जाएगा। मुझे लगता है कि इस समय यह प्रस्ताव लाने से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होगा। पार्टी ही जानती होगी कि किस उद्देश्य से उसने यह प्रस्ताव लाया है।
--
देश की जनता तय करेगी यह
सांसद पिनाकी मिश्रा ने मणिपुर को लेकर पीएम मोदी के नहीं बोलने पर कहा कि यह इस देश की जनता तय करेगी कि प्रधानमंत्री ने न बोलने का जो फैसला किया है वो सही था या गलत? आपको इस मामले को लोगों तक ले जाना होगा। मेरा मानना है कि कांग्रेस अपना चेहरा बिगाड़ने के लिए अपनी नाक काटने में भी माहिर है। कांग्रेस जानती है कि जब भी प्रधानमंत्री सदन में बोलने के लिए खड़े हुए हैं, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को मुश्किल में डाला है।