सूत्र बताते हैं कि बीजेडी ने जाजपुर (आ), जगतसिंहपुर, बलंगीर, कालाहांडी, बालासोर, आस्का और कोरापुट लोकसभा क्षेत्र को महिलाओं के लिए आरक्षित किया है। जाजपुर से रीता तरई हालांकि 2014 में चुनाव जीती थी पर अबकी उनकी जगह विधायक प्रमिला मलिक व नौकरशाह रहीं शर्मिष्ठा सेठी पर पार्टी चुनावी दांव खेल सकती है। जगतसिंहपुर लोकसभा क्षेत्र से कुलोमणि सामल सांसद हैं पर महिला कोटे में जाने से इस सीट पर विधायक राजश्री मलिक और महिला आयोग की मिनाती बेहरा के नाम पर विचार किया जा रहा है। ऐन वक्त पर किसी और का भी नाम आ सकता है।
बलंगीर संसदीय क्षेत्र से सिमई मिश्रा चर्चा में हैं। बीजेडी संसदीय दल के प्रवक्ता कलिकेश नारायण सिंहदेव यहां से सांसद हैं। महिला को टिकट देने के फैसले से दावेदार बढ़े हैं पर सिमई मिश्रा का सिंगल नाम अभी तक बीजेडी के पैनल में है। कालाहांडी से अर्क केसरीदेव सांसद हैं। अब यहां से उनकी पत्नी मालविका देवी का इकलौता नाम प्रत्याशिता के लिए चर्चा में है। बालासोर से सांसद रवीन्द्र कुमार जेना की पत्नी सुवासिनी जेना का नाम तय किया जा सकता है। आस्का सीट से पूर्व सांसद लतिका प्रधान लगभग तय बताई जाती हैं। इसी तरह कोरापुट से सांसद झिना हिका के स्थान पर आदिवासी नेता पद्मश्री कमला पुजारी के नाम पर विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का कहना है कि महिला आरक्षण महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उन्हें बीजेडी की ओर से श्रद्धांजलि है। गांधी महिला सशक्तीकरण के पक्ष में हमेशा रहे। पटनायक लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में हैं। बीते साल विधानसभा में महिला आरक्षण पर प्रस्ताव पारित करके दलों को भेजा था। उल्लेखनीय है कि पटनायक ने 2012 में पंचायत चुनाव में महिला आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था।
कांग्रेस भी नवीन के नक्शेकदम पर
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी भी महिलाओं को टिकट में वरीयता देगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा अनुपात में महिलाओं को समायोजित किया जाएगा। इसी 18 मार्च तक प्रत्याशियों की सूची प्रकाशित कर दी जाएगी। महिलाओं और युवाओं को तरजीह दी जाएगी।