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ममता बनर्जी पहुंची भुवनेश्वर…
ओडिशा में पूरे 29 साल बाद पूर्वी भारत के ओडिशा समेत पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होने जा रही है। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। गृहमंत्री बनने के बाद शाह का ओडिशा में पहला दौरा होगा। इस बैठक में माओ आतंकवाद पर नियंत्रण के साथ ही ओडिशा की खनिज संपदा पर रायल्टी का मुद्दा, राज्य को केंद्र की कल्याणकारी योजनाओं में वाजिब हिस्सेदारी आदि विषय चर्चा में होंगे। अन्य राज्य भी अपने एजेंडे पर बात करेंगे।
पिछली दफा अक्टूबर 2018 में यह मीटिंग कोलकाता में हुई थी। यह 24वीं ईस्टर्न जोनल काउंसिल की मीटिंग होगी। रिपोर्ट के अनुसार इस मीटिंग में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और सिक्किम के मुख्यमंत्री भाग लेंगे। बीजेपी की राज्य इकाई ने अमित शाह के आने की पुष्टि की है। बताया जाता है कि इस मीटिंग में वाम उग्रवाद यानी माओ आंतक पर नियंत्रण के विषय पर सभी मुख्यमंत्री विचार मंथन करेंगे। इसके अलावा बैंकिंग सेवा का ग्रामीण क्षेत्र में सघन नेटवर्क मजबूत बनाना ताकि किसानों को बैंकिंग सेवा का लाभ पहुंचाना।
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इसके अलावा केंद्रीय सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और इसका लाभ आम जनता को मिलने पर चर्चा की जाएगी। इसमें किसानों से संबंधित योजनाओं को टॉप प्राथमिकता पर लिया जाएगा। सीएए, एनआरसी और एनपीआर की मुखर विरोध करने वाली ममता बनर्जी और अमित शाह के पहली बार आमने-आमने होने के कारण मीटिंग रोचक हो सकती है। संभव है कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के संदर्भ में यह मसला शाह के समक्ष पुरजोरी से रखेंगी। ममता ने पहले केंद्रीय सरकार द्वारा आहूत नीती आयोग या अन्य बैठकों में शिरकत नहीं की थी। केंद्र और पश्चिम बंगाल के बीच तल्खी जगजाहिर है।