उपसभापति का चुनाव 9 अगस्त को होगा। आठ को परचा दाखिल किया जाएगा। एनडीए और यूपीए के बीच कांटे की टक्कर की आसार बन रहे हैं। ऐसे में बीजू जनता दल की भूमिका निर्णायक हो सकती है। बीजद के नौ सदस्य हैं। ये जिस तरफ झुक गए उपसभापति उसी का होगा। दूसरी तरफ भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो बीजद यदि अपना प्रत्याशी उतारने का मन बनाती है तो दोनों ही गठबंधन समर्थन देने को तैयार हैं। कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने तो पटनायक से कह भी दिया है कि यदि बीजद का उम्मीदवार उतरता है तो यूपीए खुला समर्थन देगी। एनडीए सूत्र भी लगभग यही कह रहे हैं। पर बीजद ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले। बीजद संसदीय पार्टी ने सब कुछ पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक पर छोड़ रखा है। वह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में रिमोट कंट्रोल लिए देखो और प्रतीक्षा करो की मुद्रा में बैठे हैं।
बीजद के प्रवक्ता प्रताप केसरी देव कहते हैं कि उनकी पार्टी फिलहल कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है। सारे अधिकार पार्टी अध्यक्ष के पास हैं। अंतिम फैसला कल लिया जाएगा। कंडीडेट उतारने या वाक आउट करने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। यदि बीजद वाकआउट कर जाती है तो संख्या बल के आधार पर चुनाव होगा और ऐसे में एनडीए का उम्मीदवार जीत भी सकता है।