इन मुद्यों को लेकर हो रहा आंदोलन
नव निर्माण कृषक संगठन के बैनर पर थ्री पी यानी प्राइस, पेंशन और प्रेस्टिज के मुद्दे को लेकर बीती 29 अक्टूबर से तटवर्ती जिलों में किसान पदयात्रा की जा रही थी। सोमवार को दोपहर में भुवनेश्वर विधान सभा भवन के समक्ष उनकी सभा होनी थी। करीब 12 जिलों के किसान रविवार की शाम कटक और खोरदा जिले के रास्ते से भुवनेश्वर की ओर घुसने का प्रयास करने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोका और धारा 144 लगा दी। कुछ प्रमुख किसान नेताओं को पुलिस ने रविवार को ही हिरासत में ले लिया था। हालांकि सरकार की ओर वित्तमंत्री शशिभूषण बेहरा ने रविवार को ही बातचीत की थी पर किसान संतुष्ट नहीं हुए। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बेहरा की अध्यक्षता में समिति बना दी जिसमें कृषि मंत्री प्रदीप महारथी, सहकारिता मंत्री सूर्यनारायण पात्रा प्रमुख रूप से शामिल हैं।
यूं बढता गया आंदोलन
भुवनेश्वर के रसूलगढ़ के पास सोमवार की दोपहर किसानों का हुजूम बढ़ता गया। केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक, जगतसिंहपुर, कटक, खोरदा, पुरी, नयागढ़, बालासोर, अनुगुल, ढेंकानाल आदि जिलों में भारी संख्या में किसान आ गए। शासन ने भी फोर्स बढ़ा दी। किसान नेशनल हाईवे-16 पर ही सभा करने लगे। फोर्स का दबाव बढ़ते देख किसानों ने भुवनेश्वर में घुसने का नारा दे दिया। देखते ही देखते बेरीकेडिंग तोड़कर किसान बढ़ने लगे। इस पर पुलिस बल प्रयोग करके उन्हें रोकने की कोशिश की और नवनिर्माण किसान संगठन के संयोजक अक्षय भाई समेत दर्जनों किसान नेताओं को हिरासत मे ले लिया।
बीजेपी—कांग्रेस ने दिया समर्थन
इस आंदोलन को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक, पूर्व सांसद बैजयंत पंडा और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष समीर महंति ने समर्थन दिया और पदयात्रा में शामिल भी हुए। पटनायक ने कहा कि राज्य सरकार किसान विरोधी है।
मंत्रियों की समिति पर नहीं भरोसा—किसान नेता
नव निर्माण कृषक संगठन के संयोजक अक्षय भाई ने बताया कि किसानों को मंत्रियों की समिति पर विश्वास नहीं है। सरकार का दमनात्मक रवैया निंदनीय है। बल प्रयोग में कई लोग चोटिल हुए। आंदोलन जारी रहेगा। देर शाम तक किसान रसूलगढ़ के निकट जुटे रहे। हालांकि सड़क जाम नहीं लगाया पर किनारे पर सभा करते रहे। अक्षय भाई का कहना है कि आंदोलन जारी रहेगा। सड़क पर किसान धरना दिए बैठे है। किसान नेता शेषदेव नंदा, निमई राय, शिशिर कुमार सामल, रश्मिरंजन बिस्वाल, भृगुवासी पात्र आदि को हिरासत में लेकर बाद में छोड़ दिया गया।