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भूखों का सहारा बनेगा ओडिशा का पहला फूड बैंक

locationभुवनेश्वरPublished: Aug 21, 2019 09:49:06 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

दुनिया में रोज जहां लाखों टन खाना बेकार जाता है वहीं, करोड़ों लोग ऐसे भी हैं जिन्हें भूख बड़े प्यार से पालती है। लाखों ऐसे ही लोग ओडिशा में भी रहते…

भूखों का सहारा बनेगा ओडिशा का पहला फूड बैंक

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भुवनेश्वर (महेश शर्मा) . दुनिया में रोज जहां लाखों टन खाना बेकार जाता है वहीं, करोड़ों लोग ऐसे भी हैं जिन्हें भूख बड़े प्यार से पालती है। लाखों ऐसे ही लोग ओडिशा में भी रहते हैं जिन्हें रात को भूखे पेट सोना पड़ता है। ऐसे ही लोगों में उम्मीद की किरण बन कर आते हैं फूड बैंक। ये फूड बैंक भूखे लोगों की आवाज बनते हैं और लोगों को भूख के दर्द का हमदर्द बनने को प्रेरित भी करते हैं। भूख मुक्त ओडिशा बनाने का सपना लेकर एक संगठन सो आम आई (साइ) की ओर से अहम कदम उठाया गया है। संगठन की ओर से राजधानी में एक फूड-बैंक की स्थापना की गई है। यह राज्य का पहला फूड (खाद्य) बैंक होगा। भुवनेश्वर में इडको ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में राज्य सरकार राजस्व व आपदा प्रबंधन मंत्री सुदाम मारण्डी, राज्यसभा सांसद अमर पटनायक, विधायक लतिका प्रधान, आइएएस अधिकारी नितिन चन्द्रा व अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर संजय सिंह शामिल हुए। राजस्व मंत्री मारण्डी ने कहा कि राज्य में पहली बार एक खाद्य बैंक खोले जाने की पहल काबिले तारीफ है। देश में लाखों ऐसे लोग भी हैं जो लोग हर रात को खाली पेट सो जाने के लिए मजबूर हैं। जबकि ऐसे भी लोग हैं जो एक रात में बहुत सारी खाद्य सामग्री नष्ट कर देते हैं। इसलिए यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि खाद्य को नष्ट नहीं होने दें, उसे जरूरतमंदों तक पहुंचाए। साई संगठन की ओर से कहा गया है कि 19 अगस्त को स्थानीय आचार्य बिहार इलाके में राज्य का पहला फूड बैंक का उद्घाटन पुलिस उपायुक्त पद्मिनी साहू की ओर से हो चुका है। कार्यक्रम का संचालन अध्यक्ष पिनाकी महान्ती, डॉ. सी. खटुआ, डॉ. रिना राउतराय, जयश्री महापात्र, ज्योस्नामयी परिडा, अरविन्द अग्रवाल की ओर से किया गया।

भूख के लिए बदनाम है ओडिशा

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ओडिशा देशभर में भूख के लिए बदनाम है। यहां का कालाहांडी क्षेत्र देश में भूख का पर्याय बन चुका है। रैपिड सर्वे ऑन चिल्ड्रेन रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य में 5 साल तक की उम्र के 46 प्रतिशत आदिवासी बच्चे कुपोषण की चपेट में हैं। मानक के मुताबिक, बच्चों के वजन के मामले में ओडिशा देश में 16वें नंबर पर है। वहीं आयरन और फोलिक एसिड की खुराक 39.3 प्रतिशत आदिवासी बच्चों को ही मिल पाती है।

जागरूक हो लोग तो बने बात

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हर रोज लाखों टन खाद्य सामग्री बेकार हो जाती है। लोग भी बड़ी मात्रा में खाना बेकार करते हैं। ऐसे में यदि खाने को संजोकर रखा जाए तो करोड़ों लोगों की भूख मिटाई जा सकती है। फूड बैंक यही काम करते हैं। ये फूड बैंक शादी-समारोह, होटलों, घरों आदि स्थानों से बचा खाना लेकर जरूरतमंदों तक पहुंचाते हैं।
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