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अजब-गजब: यहां आज भी चलता है कंस का राज, मथुरा से है हजार किमी दूर

locationभुवनेश्वरPublished: Dec 13, 2019 06:58:48 pm

Submitted by:

Nitin Bhal

Mystery: भगवान श्रीकृष्ण के मामा कंस को कौन नहीं जानता। कृष्ण ने उनके अत्याचारों से परेशान हो उनका और उनकी हुकूमत का अंत किया था। द्वापर युग की इस घटना को हजारों वर्ष बीत गए हैं, लेकिन…

अजब-गजब: यहां आज भी चलता है कंस का राज, मथुरा से है हजार किमी दूर

अजब-गजब: यहां आज भी चलता है कंस का राज, मथुरा से है हजार किमी दूर

भुवनेश्वर. भगवान श्रीकृष्ण के मामा कंस को कौन नहीं जानता। कृष्ण ने उनके अत्याचारों से परेशान हो उनका और उनकी हुकूमत का अंत किया था। द्वापर युग की इस घटना को हजारों वर्ष बीत गए हैं, लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं ऐसी जगह के बारे में जहां आज भी कंस की हुकूमत चलती है। यह जगह है ओडिशा का बरगढ़ जिला। हालांकि यह जगह मथुरा से करीब १२ सौ किलोमीटर दूर है लेकिन हर साल 11 दिन तक यहां कंस की हुकूमत चलती है। यह हुकूमत 31 दिसंबर से शुरू हो जाएगी। जिला प्रतीकात्मक रूप से मथुरा में परिवर्तित हो जाता है। इसे धनुयात्रा कहते हैं। यहां के महाराजा कंस रोज नगर भ्रमण को हाथी की सवारी से निकलते हैं। जन कल्याण के कार्यों के लिए आदेश करते हैं। परंपरा है कि उनके आदेश राज्य की सरकार क्रियान्वित करती है। कंस के दरबार में मंत्री हाजिरी लगाने आते हैं। राज्यसभा में बीजेडी सदस्य प्रसन्न आचार्य ने धनुयात्रा की लोकप्रियता के कारण इस त्योहार को राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग की है। कंस और कृष्ण कथा आधारित इस नाट्यमंच को विश्व का सबसे बड़ा ओपेन स्टेज का नाटक कहा जाता है। इन 11 दिनों के दौरान भगवान कृष्ण के जीवन के कुछ विशेष अध्यायों का चित्रण किया जाता है।

कंस को बताया जाता है समाज सुधारक

अजब-गजब: यहां आज भी चलता है कंस का राज, मथुरा से है हजार किमी दूर

इस दौरान बरगढ़ जिला एक बार द्वापर युग की मथुरा नगरी की तरह लगने लगता है। हालांकि यह कृष्ण लीला है पर इसमें ट्विस्ट है। वह यह कि मथुरा में राजा कंस का राज चलता है। कंस को समाज सुधारक के रूप में चित्रित किया जाता है। इस दौरान कंस का दरबार लगता है जहां पर कलक्टर, सरकारी मंत्री अधिकारी सबको बुलावे पर आना होता है। पिछली दफा तो केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की पेशी हुई थी। उन्हें बायोफ्यूल के संबंध में लोगों को जागरूक करने का आदेश दिया गया था। मंत्री ने भी विस्तारपूर्वक बायोफ्यूल पर कंस को बताया था। यह एक सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम है। बरगढ़ को मथुरा, पास के अंबापाली को गोपापुर और जीरा नदी को यमुना मान लिया जाता है। कंस रोजाना शाम को राज्य में घूमते हुए कंस कानून का उल्लंघन करने वालों का चालान भी करता है। पैसा आयोजन समिति को जाता है।

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