रथ यात्रा के लिए पीएम मोदी समेत सभी दिग्गजों ने दी देशवासियों को बधाई
अनुमति मिलने के बाद खुशी की लहर दौड़ी…
लगभग तीन महीने से रथयात्रा की तैयारियां चल रही थी। लेकिन इस बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई थी कि इस बार रथयात्रा का स्वरूप क्या होगा? इसी बची सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आया कि इस बार दुर्भाग्यवश यात्रा को अनुमति नहीं मिल पाएगी। लेकिन भगवान जगन्नाथ की माया देखिए आखिरकार रथयात्रा को अनुमति मिली और भक्तों की मनोकामना भी पूरी हुई।
पूरी सख्ती…
सुप्रीमकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद रथों को श्रीमंदिर के समक्ष लाया गया। इससे पहले 36 घंटे के लिए पुरी में लॉकडाउन लागू कर दिया गया। श्रीमंदिर से गुंडिचा मंदिर तक धारा 144 लागू की गई। ग्रांड रोड (बड़दंड) को जाने वाली हर गली को सील कर दिया गया। बताया गया है कि बीते कोई ढाई हजार वर्ष से भी अधिक रथयात्रा के इतिहास में पहली बार ऐसा अवसर आया कि भक्तों के बिना भगवान रथ पर निकले हैं।
विदेशी आक्रांताओं ने भी रोका था पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा का रास्ता, अब
coronavirus बना रोड़ा(Puri Jagannath Rath Yatra 2020 Live)
क्रेडिट:— दूरदर्शन
लेकिन इस बार रथयात्रा का जो स्वरूप देखने को मिला उसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। सवेरे से ही भगवान जगन्नाथ की रीति नीति शुरू हो गई। मान्यता है कि रथ यात्रा के दौरान भगवान मंदिर से बाहर आकर भक्तों को दर्शन देते हैं लेकिन इस बार भक्तों को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाया। लेकिन भक्त तो इस बात से भी खुश है कि अंतत: भगवान रथ पर सवार होकर यात्रा तो कर सकेंगे। और फिर तकनीकी दौर में लाइव प्रसारण पाकर भी भक्त खुद को धन्य समझ रहे हैं।
मौसी के घर जाएंगे महाप्रभु…
कोरोना टेस्ट नेगेटिव के बाद ही तीनों रथों को गुंडिचा मंदिर तक ले जाने के लिए 1172 सेवायतों को अनुमति दी गई है। एक रथ को 500 लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए खींचेंगे। वहां पर मौजूद जरूरी लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, सेनीटाइजर, मास्क अनिवार्य है। भगवान जगन्नाथ, अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ लगभग ढ़ाई किलोमीटर की दूरी तय कर मौसी के घर गुंडिचा मंदिर तक जाएंगे। इस रथयात्रा को देखने के लिए देशविदेश से लगभग 10 से 12 लाख लोग पुरी आते हैं। कुल नौ दिन का उत्सव होता है। सात दिन मौसी के घर रुकने के बाद आठवें दिन फिर अपने श्रीमंदिर पहुंचेंगे। दोनों मंदिरों के निकट किसी को भी आने की अनुमति नहीं हैं।